बिना इंजन वाला पोत आईएनएसवी कौंडिन्य पोरबंदर से ओमान रवाना (फोटो- @narendramodi)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिना इंजन वाला पोत आइएनएसवी कौंडिन्य ऐतिहासिक समुद्री मार्गों को पुन: स्थापित करने के लिए गुजरात के पोरबंदर से ओमान तट की ओर रवाना हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को चालक दल को शुभकामनाएं भेजीं। यह पोत प्राचीन स्टिच-शिप तकनीक से निर्मित है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वर्तमान जहाजों के विपरीत, आइएनएसवी कौडिन्य के लकड़ी के तख्तों को नारियल के रेशे की रस्सी से एक साथ सिला गया है और प्राकृतिक रेजिन से सील किया गया है, जो भारत के तटों और हिंद महासागर में कभी प्रचलित जहाज निर्माण की परंपरा को दर्शाता है। यह हवा की मदद से चलेगा।
इस जहाज का नाम नाविक कौंडिन्य के नाम पर रखा गया है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने प्राचीन काल में भारत से दक्षिण पूर्व एशिया तक की यात्रा की थी। पोरबंदर में सोमवार को पश्चिमी नौसेना कमान के ध्वज अधिकारी कमान-इन-चीफ, वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने भारत में ओमान के राजदूत ईसा सालेह अल शिबानी की उपस्थिति में पोत को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट पर कहा, \“यह देखकर बेहद खुशी हो रही है कि आइएनएसवी कौंडिन्य पोरबंदर से मस्कट, ओमान के लिए अपनी पहली यात्रा पर निकल रहा है। चालक दल को मेरी शुभकामनाएं, यह यात्रा सुरक्षित और यादगार हो, क्योंकि वे खाड़ी क्षेत्र और उससे आगे के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंधों को पुन: स्थापित कर रहे हैं।\“
पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन भारतीय सिलाई-जहाज तकनीक से निर्मित यह पोत भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, \“\“इस अनूठे जहाज को साकार रूप देने में किए गए अथक प्रयासों के लिए मैं डिजाइनरों, कारीगरों, जहाज निर्माताओं और भारतीय नौसेना को बधाई देता हूं।\“\“ (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
|