deltin33 • 2025-12-30 01:57:20 • views 330
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की एक ग्राम पंचायत के सरपंच को बड़ी राहत देते हुए आत्मसमर्पण से आठ सप्ताह की छूट प्रदान की है। सरपंच को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है और उसने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन पीठ ने सरपंच की याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि वह आत्मसमर्पण से छूट के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में आवेदन दे।
पीठ ने कहा, “उस आवेदन पर विचार करते समय, हाई कोर्ट सहानुभूतिपूर्वक इस तथ्य को ध्यान में रख सकता है कि अगर याचिकाकर्ता को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा जाता है, तो इस बात की संभावना है कि उसे उस सार्वजनिक पद से निलंबित कर दिया जाएगा, जिस पर उसे ग्रामीणों के बहुमत द्वारा चुना गया है।“
यह भी पढ़ें- MP में इस साल 55 बाघों की मौत, वन अधिकारियों का तर्क- इतनी मौतें स्वाभाविक; सीएम ने मांगी रिपोर्ट
दरअसल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि जब तक सरपंच ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करता, तब तक सत्र न्यायालय द्वारा उसकी अपील खारिज किए जाने के खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती। इसी आदेश को चुनौती देते हुए सरपंच ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की पूर्व शर्त के रूप में आत्मसमर्पण को लेकर सरपंच को आठ सप्ताह की राहत देना न्यायोचित होगा। कोर्ट के इस आदेश को सरपंच के लिए फिलहाल बड़ी कानूनी राहत के रूप में देखा जा रहा है। |
|