प्रतीकात्मक फोटो।
निर्लोष कुमार, आगरा। खनन माफियाओं ने अरावली के साथ इन पहाड़ियों में दर्ज सात हजार साल पुरानी सभ्यता के अवशेष को भी नष्ट कर दिया है। फतेहपुर सीकरी के भदरौली, रसूलपुर, पतसाल व मदनपुरा (जाजौली) गांव के पास अरावली की चट्टानों पर बने प्राकृतिक आवासों की छतों पर प्रागैतिहासिक शैल चित्र (राक पेंटिंग्स) बने हुए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वह युग जब मनुष्य ने पहले पहल चट्टानों में आवास बनाकर रहना शुरू किया। खनन से सभ्यता के ये अधिकांश अवशेष नष्ट हो गए हैं। सात दशक पहले इन्हें खोजा गया था। तब से लेकर अब तक पुरातत्व विभाग इनका संरक्षण नहीं कर सका। एएसआइ संरक्षित स्मारक फतेहपुर सीकरी से करीब चार-पांच किमी की दूरी पर स्थित राक शेल्टर्स (शैलाश्रय) में राक पेंटिंग्स बनी हुई हैं। यह लाल, गेरू और काले रंग में बनी हैं और उत्तर पाषाण काल (7000 वर्ष पहले) से लेकर गुप्त काल (तीसरी शताब्दी) तक की मानी जाती हैं।
इनमें हिरण, मवेशी, कूबड़ वाला बैल, बंदर, बाघ, शेर, बिल्ली आदि जानवरों के चित्र शामिल हैं। खनन माफियाओं में इस क्षेत्र में कई किलोमीटर तक खनन करके अरावली की विस्तारित व अवशेष पहाड़ियों को समतल कर दिया है। भदरौली में तो अब इनका निशान भी नहीं मिलता। रसूलपुर, मदनपुरा व पतसाल में अभी कुछ चित्र बचे हुए हैं। स्थानीय लोगों के खनन के कारण बचे हुए शैलचित्रों के भी नष्ट होने का खतरा है। एएसआइ के आगरा कार्यालय से इनके संरक्षण को पूर्व में कुछ प्रयास किए गए।
प्रस्तावित क्षेत्र का पुनर्मूल्यांकन करने की सिफारिश
एएसआइ की तकनीकी मूल्यांकन समिति की 28 अप्रैल, 2023 को हुई बैठक में समिति ने राक शेल्टर्स के संरक्षण को प्रस्तावित क्षेत्र का पुनर्मूल्यांकन करने की सिफारिश की। राक शेल्टर्स के संरक्षण को प्रयासरत डा. देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि तकनीकी मूल्यांकन समिति ने प्रस्तावित क्षेत्र के पुनर्मूल्यांकन का निर्णय लिया था। एएसआइ को इसका संरक्षण तुरंत करना चाहिए, अन्यथा वह धीरे-धीरे नष्ट हो जाएंगी।
1959 में प्रकाशित हुआ था शोध पत्र फतेहपुर सीकरी की राक पेंटिंग्स पर वर्ष 1959 में शोध पत्र प्रकाशित हुआ था। राक आर्ट सोसायटी आफ इंडिया के सचिव पुरातत्वविद् डा. गिरिराज कुमार ने रसूलपुर में 12, मदनपुरा में तीन और पतसाल में चार राक शेल्टर्स की खोज की थी। जून, 2023 में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने फतेहपुर सीकरी स्थित राक शेल्टर्स का निरीक्षण किया था।
अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. स्मिथा एस. कुमार ने बताया कि फतेहपुर सीकरी स्थित राक शैल्टर्स में बनी राक पेंटिंग्स के संरक्षण के प्रस्ताव का पुनर्मूल्यांकन किया जाना है। पांच जनवरी के बाद फतेहपुर सीकरी की राक शेल्टर्स की विजिट की जाएगी। |