जागरण संवाददाता, बदायूं। तेरहवीं की दावत में रायता खाकर रेबीज की दहशत से जूझ रहे 400 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवा चुके। सोमवार को भी जिला अस्पताल व उझानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीन लगवाने वालों की भीड़ थी। पांच गांवों से जुड़ा मामला होने के कारण शासन ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांग ली है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्वास्थ्य विभाग की टीमें गामीणों पर नजर रखे हुए हैं ताकि किसी में रेबीज की लक्षण दिखने पर तत्काल एहतियाती कदम उठाया जाए।पिपरौल गांव में टिंकू साहू की भैंस को पागल कुत्ते ने काट लिया था। उन्होंने भैंस को वैक्सीन लगवाई, फिर ध्यान नहीं दिया। 23 दिसंबर को पड़ोसी बुजुर्ग रोहनलाल की तेरहवीं में भी टिंकू ने उसकी भैंस के दूध से बना मठ्ठा भेजा था, जिससे दावत का रायता बना। दावत में पांच गांवों के कई लोग आए थे।
रेबीज संक्रमित भैंस की मौत
25 दिसंबर को रेबीज संक्रमित भैंस की मौत होने के बाद उन लोगों में रेबीज की दहशत फैल गई। चिकित्सकों का कहना था कि यदि दूध पर्याप्त उबाला नहीं होगा तो रेबीज का संक्रमण फैलने का खतरा होगा। इसके बाद ग्रामीण एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने दौड़ पड़े। उझानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने बताया कि शनिवार शाम तक पिपरौल, चंदनपुर, तेलिया नगला, बड़े नगला और हुसैनपुर गांव के 250 लोगों ने वैक्सीन लगवा ली थी। कुछ लोग जिला अस्पताल भी गए।
सोमवार को अस्पताल खुलने पर दोबारा भीड़ पहुंचने लगी। ग्रामीणों का कहना है कि प्रत्येक को वैक्सीन लगवाई जाए, इसके लिए गांव में कैंप आयोजित हो। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. महेश प्रताप सिंह ने बताया कि कई ग्रामीणों ने जिला अस्पताल में भी वैक्सीन लगवा ली है।
पांचों गांवों के लोगों की निगरानी में टीम लगा दी है। अभी तक किसी में रेबीज के लक्षण नहीं पाए गए। ग्रामीणों से कहा जा रहा कि अनावश्यक चिंता न करें। वैक्सीन उन्हें सुरक्षित करेगी।
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