cy520520 • 2025-12-30 17:27:36 • views 748
पोटका के सेवानिवृत्त शिक्षक छोटराई बास्के राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। करनडीह में ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य समारोह एक ऐतिहासिक और अत्यंत भावुक पल का गवाह बना।
कार्यक्रम के दौरान महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जब मंच से अपनी आराध्य \“जाहेर मां\“ को याद किया, तो उनका कंठ भर आया और आंखें नम हो गईं। \“मुझ पर ज्ञान का प्रकाश डालिए...\“ के भावों के साथ जैसे ही महामहिम ने अश्रुपूरित नेत्रों से वंदना का गायन शुरू किया, पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अपनी संस्कृति, भाषा और जड़ों के प्रति राष्ट्रपति के इस गहरे समर्पण और निश्छल प्रार्थना ने वहां मौजूद जनसमूह के दिलों को छू लिया। संताली में गाए वंदना का हिंदी रूपांतरण इस प्रकार है।
जाहेर-वंदना
आप दयामयी सृष्टिकर्ता हैं
आप धरती की माता हैं
आप ही सृष्टिकर्ता
आप ही पालनकर्ता
आप ही जाहेर-मां हैं
आपके चरण कमलों में
अश्रुपूरित नेत्रों से
मैं विनती करती हूं
आप मेरी प्रार्थना स्वीकार कीजिए।
हे सृष्टि की देवी
आप आशीर्वाद देती हैं,
आप सबकी दुःखहर्ता हैं,
सबके दुःख का हरण करने वाली
आप हमारी सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं
आप पतितों का उद्धार करती हैं
आप सभी का त्राण करती हैं
मैं अज्ञान के अंधकार में हूं,
मुझे ज्ञान की ज्योति प्रदान कीजिए
हमारे अन्धकारमय पथ को प्रकाशित कीजिए !
हे जाहेर माता !
आप सरस्वती हैं,
भगवती हैं,
महालक्ष्मी हैं।
हमारे ऊपर आशीर्वाद रूपी किरणों की वर्षा कीजिए।
मुझ पर ज्ञान का प्रकाश डालिए
मेरी शोक संतप्त आत्मा को शीतल कीजिए।
मेरे पिघलते हुए हृदय को दृढ़ता प्रदान कीजिए।
मुझमें शक्ति का संचार कीजिए।
पोटका के सेवानिवृत्त शिक्षक छोटराई बास्के सम्मानित
जमशेदपुर के करनडीह में आयोजित भव्य समारोह के दौरान पोटका प्रखंड के कोवाली निवासी छोटराई बास्के को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया। सेवानिवृत्त शिक्षक बास्के को यह सम्मान संताली भाषा की लिपि ‘ओल चिकी’ के विकास और प्रचार-प्रसार में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया।
ओल चिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में उनके दशकों के संघर्ष और समर्पण को सराहा गया। छोटराई बास्के वर्तमान में ऑल इंडिया संथाली राइटर एसोसिएशन और आदिवासी ससिय एजुकेशनल कल्चरल एसोसिएशन में संयुक्त सचिव के रूप में सक्रिय हैं।
उन्होंने बिहार और झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में ओल चिकी लिपि को जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापक अभियान चलाया था।
भाषा के साथ-साथ बास्के समाजसेवा में भी अग्रणी रहे हैं। वे पिछले 50 वर्षों से पोटका प्रखंड को विभाजित कर नए कोवाली प्रखंड के गठन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। |
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