ममता-अभिषेक के बीच दरार डालने की जुगत में हुमायूं कबीर (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक और जनता उन्नयन पार्टी (जेयूपी) के अध्यक्ष हुमायूं कबीर ने कहा कि यदि तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी चुनाव लड़ते हैं तो उनकी पार्टी उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ वे निश्चित रूप से अपना प्रत्याशी खड़ा करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उनके इस बयान को राजनीतिक विश्लेषकों का एक वर्ग ममता-अभिषेक के बीच दरार पैदा करने का प्रयास बता रहा है। मंगलवार को कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कबीर ने यह भी भविष्यवाणी की कि आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में कोई भी दल अकेले बहुमत हासिल नहीं कर पाएगा और सरकार बनाने की चाबी उनके नवनिर्वाचित विधायकों के पास होगी।
हुमायूं का मानना है कि भाजपा 100 सीटों पर सिमट जाएगी और तृणमूल तीसरे स्थान पर रहेगी। उनकी पार्टी बंगाल में किंगमेकर की भूमिका निभाएगी।
ममता की \“मंदिर राजनीति\“ पर बोला हमला
हुमायूं ने मुख्यमंत्री की \“मंदिर राजनीति\“ पर आरोप लगाया कि वह सरकारी खजाने का इस्तेमाल कर वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। उन्होंने दुर्गा आंगन परियोजना के लिए आवंटित 262 करोड़ रुपये का जिक्र करते हुए कहा कि मंदिर बनने चाहिए, लेकिन सरकारी पैसे से नहीं। जिस दिन ममता राजनीति से संन्यास लेकर मंदिर जाने का फैसला करेंगी, उसी दिन वह भी अपना पार्टी पद छोड़ देंगे।
हुमायूं ने जनवरी के अंत में ब्रिगेड परेड ग्राउंड में जनसभा कर 10 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का भी दावा किया। इसी मंच से वे अपने गठबंधन के सहयोगियों के नामों का राजफाश करेंगे। वहीं, हुमायूं के बेटे गुलाम नबी आजाद ने भी तृणमूल के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है।
पिता के सुरक्षाकर्मी की पिटाई के आरोप में पुलिस हिरासत के बाद वहां से छूटे गुलाम ने स्पष्ट किया कि वे अब तृणमूल में नहीं रहेंगे और जरूरत पड़ी तो राजनीति छोड़ देंगे। कहा कि पहले उन्होंने पिता को पार्टी के खिलाफ बोलने से रोका था, लेकिन अब वे खुद पार्टी के भीतर चल रही साजिशों का शिकार हो रहे हैं। |
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