search

गंगा की गोद में मिट्टी भरकर बना दी सड़क, बढ़ा कटाव का खतरा; भूमाफिया पर अंकुश लगाने में भागलपुर प्रशासन नाकाम

Chikheang Half hour(s) ago views 846
  



जागरण संवाददाता, भागलपुर। मानिक सरकार घाट क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध निर्माण की स्थिति दिनों दिन गंभीर होती जा रही है। स्थिति यह कि अब यहां गंगा की गोद में मिट्टी भरकर सड़क बना दी गई है। मलबा भरकर गंगा की धारा रोके जाने से आसपास के इलाके में कटाव का खतरा बढ़ गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी ने गंगा में मार्ग और पुलिया निर्माण मामले की जांच के आदेश दिए थे, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। सब कुछ जानने के बाद भी भू-माफिया की कारस्तानी पर अंकुश लगा पाने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। इससे सरकार और जिला प्रशासन की गंगा की मुख्य धारा को शहर की ओर लाने के प्रयास को भी झटका लग सकता है।

मानिक सरकार घाट इलाके में कई भवनों का निर्माण भी नगर निगम से नक्शा पास कराए बिना करा दिया गया है। मानिक सरकार घाट से नाथनगर दियारा जाने के लिए अवैध तरीके से गंगा के बीच पुलिया का निर्माण कर दिया गया है। यही नहीं, मिट्टी और मलबा डालकर दियारा जाने के लिए रास्ता भी बना लिया गया है।

अब इस मार्ग पर ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल समेत अन्य वाहनों की आवाजाही हो रही है। गंगा की धारा में बांध बन जाने से जल प्रवाह प्रभावित हुआ है। किसी के डूबने पर एसडीआरएफ की बोट भी गश्त नहीं लगा पा रही। नाव परिचालन भी बाधित हो गया है। इस पुलिया और मार्ग के कारण क्रूज के आवागमन में भी समस्याएं उत्पन्न होंगी।
कटाव निरोधी कार्य का स्थायी निदान नहीं

गंगा के जलस्तर में कमी आने के साथ ही तटबंध पर दरार का दायरा बढ़ता जा रहा है। नगर निगम की ओर से तटबंध बनाने के लिए कार्ययोजना अब तक मूर्त रूप नहीं ले सकी है। अभियंता ने 350 मीटर दूरी तक तटबंध बनाने के लिए मापी की, लेकिन यहां तटबंध बनाना निगम के लिए संभव नहीं है, क्योंकि उनके पास तटबंध बनाने के विशेषज्ञ नहीं हैं।

इस स्थिति को देखते हुए मेयर डा. बसुंधरा लाल ने बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल और आपदा प्रबंधन विभाग को तटबंध निर्माण के लिए पत्र लिखा है। नगर आयुक्त शुभम कुमार ने भी संबंधित विभाग को पत्र भेजा है। दरार का दायरा 100 फीट से बढ़कर 400 फीट तक पहुंच गया है। रोकथाम की अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। दरार वाले हिस्से में भवन निर्माण भी किया जा रहा है।
स्ट्राम वाटर ड्रेन से निर्मित नाला हुआ ध्वस्त

शहरी क्षेत्र में वर्षा जल निकासी के लिए स्ट्राम वाटर ड्रेन की योजना के तहत बुडको ने नाले का निर्माण कराया था। लगभग आठ वर्ष पहले करीब 40 करोड़ की लागत से बने इस नाले का करीब 80 फीट का हिस्सा ध्वस्त हो गया है। गंगा की धारा ने नाले के नीचे से मिट्टी बहा ले जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

इससे नाले की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि नाले के निर्माण में छड़ का कम इस्तेमाल किया गया था। नाला तीन हिस्सों में ध्वस्त हुआ है, और जहां से टूटा है, वहां छड़ तक दिखाई नहीं दे रहा है। अब इस मामले की तकनीकी टीम से जांच कराने की आवश्यकता है।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
144857

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com