तमिलनाडु में इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2027 तक 100% रोड टैक्स छूट जारी रहेगी।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहन (EV) को बढ़ावा देने की दिशा में तमिलनाडु सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर मिलने वाली 100% रोड टैक्स छूट को 31 दिसंबर 2027 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला हाल ही में जारी एक सरकारी आदेश के जरिए घोषित किया गया है। इस कदम का मकसद न सिर्फ EV खरीदने वालों को राहत देना है, बल्कि निर्माताओं को भी लंबी अवधि की योजना बनाने में मदद करना है। सरकार का यह निर्णय ऐसे समय आया है, जब राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन अलग-अलग सेगमेंट और इलाकों में इसकी रफ्तार एक जैसी नहीं है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
2019 से चली आ रही है EV रोड टैक्स छूट
तमिलनाडु में EV पर रोड टैक्स माफी की शुरुआत 2019 की तमिलनाडु इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत हुई थी। पहले यह छूट 31 दिसंबर 2022 तक लागू थी, जिसे बाद में 2025 के अंत तक बढ़ाया गया। अब जब 2025 की डेडलाइन करीब आ रही थी, तो इंडस्ट्री से जुड़े संगठनों और वाहन निर्माताओं ने सरकार से इसे आगे बढ़ाने की मांग की। सरकार ने इस सुझाव को स्वीकार करते हुए इसे दो साल और बढ़ा दिया है।
EV खरीदारों को क्या मिलेगा फायदा?
रोड टैक्स किसी भी वाहन की कुल कीमत का एक बड़ा हिस्सा होता है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर यह टैक्स हटने से वाहन की शुरुआती कीमत कम हो जाती है। खासतौर पर इलेक्ट्रिक स्कूटर और कॉम्पैक्ट कार खरीदारों को सीधा फायदा मिलता है। EV को अपनाने का फैसला आम ग्राहकों के लिए आसान बनता है यानी, जो लोग अभी EV खरीदने को लेकर सोच रहे थे, उनके लिए यह फैसला एक बड़ा प्रोत्साहन है।
क्यों अहम है यह कदम?
सिर्फ खरीदार ही नहीं, बल्कि वाहन निर्माता और सप्लायर भी इस फैसले से लाभ में हैं। EV फैक्ट्रियां, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन जैसे प्रोजेक्ट्स आमतौर पर कई सालों की योजना पर चलते हैं। कम समय के लिए मिलने वाले इंसेंटिव से निवेश का जोखिम बढ़ता है। लेकिन अब कंपनियों को लंबी अवधि की स्पष्टता मिलेगी। नए निवेश और प्लानिंग आसान होगी। स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और सप्लायर इकोसिस्टम को सपोर्ट मिलेगा।
तमिलनाडु में EV अपनाने की मौजूदा स्थिति
उद्योग से जुड़े अनुमानों के मुताबिक, 2025 में तमिलनाडु में EV अपनाने की दर करीब 7.8% तक पहुंच चुकी है। हालांकि, यह ग्रोथ हर सेगमेंट में समान नहीं है। इलेक्ट्रिक स्कूटर और डिलीवरी फ्लीट में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। पैसेंजर कार सेगमेंट में रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी है। बड़े शहरों के बाहर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी असमान है। ग्रिड अपग्रेड और बैटरी सप्लाई चेन जैसे मुद्दे बने हुए हैं। यह रोड टैक्स छूट इन चुनौतियों का समाधान नहीं करती, लेकिन EV को अपनाने की प्रक्रिया को धीमा होने से जरूर बचाती है।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, इस फैसले का मकसद है उपभोक्ताओं के लिए EV की खरीद लागत कम करना है। साथ ही पेट्रोल और डीज़ल वाहनों से धीरे-धीरे दूरी बनाना। स्थानीय EV मैन्युफैक्चरिंग और सप्लायर्स को बढ़ावा देना। लंबे समय में शहरी वायु प्रदूषण कम करना है। इस फैसले के साथ तमिलनाडु उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है, जहां इतनी लंबी अवधि तक EV पर पूरी रोड टैक्स छूट दी जा रही है। फिलहाल यह छूट 2027 के अंत तक लागू रहेगी। वहीं, चार्जिंग नेटवर्क, ग्रिड इंटीग्रेशन और बैटरी रीसाइक्लिंग जैसे दूसरे पहलुओं पर सरकार अलग से काम करने की बात कह चुकी है। |