सितंबर 2025 तक 5.79 लाख घरों के लिए रूफटॉप सोलर लोन स्वीकृत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) ने स्वच्छ और किफायती सौर ऊर्जा से घरों को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सितंबर 2025 तक, सरकारी बैंकों ने इस योजना के लिए ₹10,907 करोड़ की राशि के 5.79 लाख से अधिक लोन आवेदनों को मंजूरी दी है, जिससे रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित करने में लाभार्थियों को वित्तीय सहायता में वृद्धि हुई है। इस योजना के जरिए आप भी अपने घर पर सोलर पैनल आधे दामों में लगवा सकते हैं। क्योंकि सरकार सोलर पैनल लगवाने पर सब्सिडी देती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्या है PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana?
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य भारत के सभी घरों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी, 2024 को किया था। इस योजना के तहत, घरों को अपनी छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है।
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40% तक मिलती है सब्सिडी
यह सब्सिडी सौर पैनलों की लागत का 40% तक कवर करेगी। इस योजना से पूरे भारत में 1 करोड़ घरों को लाभ मिलने की उम्मीद है। अनुमान है कि इस योजना से सरकार को बिजली की लागत में प्रति वर्ष 75,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
सोलर पैनल लगवाने के लिए लोन की भी सुविधा
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PMSGMBY) के तहत अगर आप अपने घर पर सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं तो आपको लोन भी मिल सकता है। सरकारी बैंकों के जरिए इस योजना के लिए आसानी से लोन दिए जा रहे हैं।
लोन को जनसमर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रोसेस किया जाता है, जिसे प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के राष्ट्रीय पोर्टल (pmsuryaghar.gov.in) के साथ एकीकृत किया गया है, जिससे लाभार्थियों के लिए एक संपूर्ण डिजिटल आवेदन प्रक्रिया, बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव और डेटा-संचालित निर्णय प्रक्रिया सुनिश्चित होती है।
इस आदर्श लोन योजना में प्रमुख लाभ शामिल हैं, जिनमें प्रतिस्पर्धी ब्याज पर ₹2 लाख तक का लोन मिल सकता है। सरकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी से, लोन तक पहुंच को आसान बनाने और योजना की पहुंच का विस्तार करने के लिए कई सुधार किए गए हैं। इस लोन योजना में उल्लेखनीय सुधार किए गए हैं, जैसे पात्रता का दायरा बढ़ाने के लिए सह-आवेदकों को शामिल करना, क्षमता-आधारित सीमा को हटाना और दस्तावेजी आवश्यकताओं को सरल बनाना, जो उपयोगकर्ताओं से प्राप्त प्रतिक्रिया पर आधारित हैं।
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