झामुमो को बिहार चुनाव में मिल सकती है चार से पांच सीटें
राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा तेज हो गई है। मंगलवार को पटना में राजद के शीर्ष नेतृत्व संग बैठक में झामुमो ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
झामुमो महासचिव विनोद पांडेय और मंत्री सुदिव्य कुमार ने बैठक में हिस्सा लिया, जबकि राजद की ओर से तेजस्वी यादव, जयप्रकाश यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी और भोला यादव उपस्थित रहे।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार की सीमावर्ती सीटों पर सहमति बनाना था, जहां झामुमो मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है।
झामुमो ने झारखंड से सटे बिहार के आदिवासी बहुल क्षेत्रों की 12 से 15 सीटों पर दावेदारी की है। इनमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई जैसी विधानसभाएं शामिल हैं।
झामुमो का तर्क है कि इन क्षेत्रों में उसका मजबूत जनाधार है, जो गठबंधन की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। पार्टी ने पिछले वर्ष हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद को सात सीटें दी थीं, जिनमें से चार पर राजद विजयी रहा था। इस आधार पर झामुमो सम्मानजनक हिस्सेदारी की मांग कर रहा है।
बैठक में सीटों को चिह्नित करने की प्रक्रिया पर गहन मंथन हुआ। झामुमो नेताओं ने विश्वास जताया कि गठबंधन में जल्द सहमति बन जाएगी। सूत्रों के अनुसार, राजद झामुमो को चार से पांच सीटें देने पर विचार कर रहा है।
महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि राजद के शीर्ष नेतृत्व के साथ सकारात्मक बातचीत हुई है। हम गठबंधन धर्म निभाएंगे। हमारी उपस्थिति बिहार में मजबूत होनी चाहिए। आदिवासी बहुल सीटों पर झामुमो की जीत निश्चित है, जो गठबंधन को मजबूती देगी। यह गठबंधन न केवल बिहार चुनाव को प्रभावित करेगा, बल्कि झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी की ताकत को भी विस्तारित करेगा।
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: क्या NDA में जाएंगे मुकेश सहनी? डिप्टी सीएम पोस्ट और तेजस्वी को लेकर दिया बड़ा बयान
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: 30 और 30 के खेल में फंसा महागठबंधन, राजद-कांग्रेस के सामने सहनी ने खड़ी कर दी नई टेंशन |