पंजाब में आठ दिन में पराली जलाने के 70 मामले दर्ज, 20 किसानों पर एफआईआर (प्रतीकात्मक फोटो)
गौरव सूद, पटियाला। धान की कटाई के साथ ही पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ने लगी हैं। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद, पिछले आठ दिनों में राज्य में 70 मामले सामने आए हैं, जो सरकार और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। पंजाब सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए 20 किसानों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की है, जो सरकारी आदेशों की अवहेलना से संबंधित है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके साथ ही 32 किसानों पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 90 हजार रुपये की वसूली की जा चुकी है। 16 किसानों की जमीनों पर रेड एंट्री कर दी गई है, जिससे वे अपनी जमीन न बेच सकेंगे, न गिरवी रख सकेंगे और न ही इसके बदले बैंक से ऋण ले सकेंगे।giridih-general,Giridih industrialist death, Naveen Chaurasia death, Jharkhand news, Giridih news, Naveen Chaurasia JLKM leader, Jayram Mahato, Sudivya Sonu, Giridih Vidhan Sabha, Jharkhand political news, Industrialist Naveen Chaurasia,Jharkhand news
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के अनुसार, 15 सितंबर से राज्यभर में पराली जलाने की निगरानी शुरू की गई है। अब तक 70 मामलों में से 42 अमृतसर, 8 पटियाला, 7 तरनतारन, 3 कपूरथला, और अन्य जिलों से मामले सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि किसानों को किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी और आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके बावजूद, आठ दिनों में 70 मामलों का सामने आना पंजाब सरकार की नीतियों और क्रियान्वयन पर सवाल खड़े करता है। राज्य सरकार का दावा है कि वह किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर मशीनें और जागरूकता अभियान उपलब्ध करा रही है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। किसान आर्थिक तंगी और समय की कमी के कारण पराली जलाने से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। |