यूपी रेरा ई-कोर्ट व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पोर्टल का वर्जन 2.0 विकसित कर रहा है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ई-कोर्ट व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए एक नया पोर्टल, वर्जन 2.0 विकसित कर रहा है। इससे व्यवस्था में और सुधार होगा।
ई-कोर्ट व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक 35,424 से अधिक शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। ई-कोर्ट व्यवस्था लागू होने से पहले रेरा ने 23,149 शिकायतों का समाधान किया था। रेरा में अब तक कुल 58,793 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। पोर्टल का नया वर्जन 2.0 विकसित किया जा रहा है, जिससे व्यवस्था में और सुधार होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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रेरा में ई-कोर्ट व्यवस्था लागू होने से शिकायत समाधान की गति में तेजी आई है। फरवरी 2020 में ई-कोर्ट व्यवस्था लागू होने के बाद से रेरा 35,000 से अधिक शिकायतों का समाधान कर चुका है। ई-कोर्ट प्रणाली लागू होने के बाद से, उपयोगकर्ता प्रोफ़ाइल बनाना, शिकायत दर्ज करना, सुनवाई का समय निर्धारित करना, वर्चुअल सुनवाई करना, प्रतिक्रियाएं और दस्तावेज जमा करना, आदेश अपलोड करना, आदेश भेजना और आदेशों का निष्पादन जैसी सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं। वर्चुअल सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जा रही है। इससे शिकायत दर्ज कराने वालों की परेशानी कम हुई है।
उपभोक्ताओं को कहीं से भी अपनी शिकायत दर्ज करने, दस्तावेज़ अपलोड करने, वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने और पोर्टल पर शिकायतों और आदेशों की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होने से राहत मिली है।
रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी का कहना है कि यूपी रेरा डिजिटल न्याय प्रणाली लागू करने वाला पहला नियामक प्राधिकरण है। ई-कोर्ट प्रणाली पारदर्शिता और दक्षता पर आधारित है। उपभोक्ता देश या विदेश में कहीं से भी सुनवाई में भाग ले सकते हैं। ई-कोर्ट उपभोक्ताओं और प्रमोटरों को पेशेवर प्रतिनिधि चुनने की स्वतंत्रता भी देते हैं। पोर्टल का एक नया संस्करण 2.0 विकसित किया जा रहा है, जिससे प्रणाली में और सुधार होगा। |