Ahoi ashtami 2025 katha: कथा के बिना अधूरा है अहोई अष्टमी का व्रत, यहां पढ़ें

deltin33 2025-10-13 14:06:09 views 1252
  
Ahoi ashtami 2025 vrat katha in hindi






धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अहोई अष्टमी का व्रत मुख्य रूप से महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन पर महिलाएं अहोई माता की पूजा-अर्चना करती हैं। अहोई अष्टमी के दिन व्रत कथा (Ahoi Ashtami Katha) का पाठ करना बेहद जरूरी माना होता है, क्योंकि इसके बिना आपका व्रत अधूरा माना जाता है। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं अहोई अष्टमी की कथा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha)

अहोई अष्टमी की कथा के अनुसार, एक नगर में एक साहूकार रहता था, जिसके सात बेटे और सात बहुएं थी। एक बाद दीवाली से पहले घर की लिपाई-पुताई के लिए सातों बहुएं और एक ननद उनके साथ खेत में मिट्टी लाने गईं। अनजाने में साहूकार की बेटी की कुदाल से एक \“सेही\“ (झांऊमूसा) के 7 बच्चों की मौत हो गई। इस पर स्याहू ने क्रोधित होकर उसे यह श्राप दिया कि मैं तुम्हारी कोख बांधूंगी। तब साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से यह बिनती की कि उनमें से कोई उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें। सभी ने मना कर दिया, लेकिन सबसे छोटी भाभी, कोख बंधवाने के लिए तैयार हो गई।

  
पंडित ने दी ये सलाह

जब साहूकार की सबसे छोटी बहु को कोई भी संतान होती, तो वह सातवें दिन मर जाती। सात पुत्रों की इसी प्रकार मृत्यु हो गई। तब साहुकार ने एक पंडित को इस घटना के बारे में बताया। तब पंडित ने छोटी बहू को सुरही गाय की सेवा करने की सलाह दी। सुरही गाय छोटी बहु की सेवा से प्रसन्न हो जाती है और उसे स्याहु के पास ले जाती है। रास्ते में थककर वह दोनों आराम करने लगते हैं। तभी साहुकार की बहू की नजर एक सांप पर पड़ती है, जो एक गरुड़ के बच्चे को डसने जा रहा होता है। यह देखकर छोटी बहू वह सांप को मार देती है।

  
स्याहु देती है ये आशीर्वाद

इतने में गरूड़ वहां आता है और बिखरा हुआ खून देखकर सोचता है कि छोटी बहु ने उसके बच्चे के मार दिया। इस वजह से वह छोटी बहू को चोंच मारना शुरू कर देता है। तब छोटी बहू उसे बताती है कि उसने ही गरूड़ के बच्चे की जान बचाई है। गरूड़ यह सुनकर खुश होती है और सुरही गाय समेत उन्हें स्याहु के पास पहुंचा देती है। तब स्याहु छोटी बहू की सेवा से प्रसन्न होकर उसे सात पुत्र और सात बहू होने का आशीर्वाद देती है। स्याहु के आशीर्वाद से छोटी बहू का घर पुत्र और पुत्र वधुओं से हरा-भरा हो जाता है।

यह भी पढ़ें - Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें और क्या नहीं? जानें शुभ मुहूर्त

यह भी पढ़ें - Tula Sankranti 2025: कब और क्यों मनाई जाती है तुला संक्रांति? यहां पढ़ें धार्मिक महत्व

  

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1010K

Threads

0

Posts

3210K

Credits

administrator

Credits
323171

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.