LHC0088 • 2025-10-13 22:37:05 • views 1262
लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और जल्द समाधान की मांग की है।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के बारामूला क्षेत्र और आसपास के गाँवों में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता पैदा कर दी है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने में विफल रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्कूली बच्चों और बुजुर्गों पर हमले की घटनाएं बढ़ीं
आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में, कनालीबाग की एक स्कूली छात्रा को आवारा कुत्तों ने नोच डाला, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इसी तरह की कई घटनाएं हाल के हफ्तों में जिले के विभिन्न इलाकों से सामने आई हैं। स्थानीय निवासी परवेज मीर ने बताया कि शाम की नमाज के लिए बाहर निकलते समय कुत्तों के एक झुंड ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि अब शाम के बाद बाहर निकलना असुरक्षित हो गया है। स्थानीय लोग बारामूला नगर परिषद और पशुपालन विभाग पर नसबंदी और टीकाकरण अभियान न चला पाने का आरोप लगाते हैं।
कुत्ते-से-मानव अनुपात में जम्मू-कश्मीर दूसरे स्थान पर
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कुत्ते-से-मानव अनुपात के मामले में जम्मू-कश्मीर भारत में दूसरे स्थान पर है। यह एक चिंताजनक आंकड़ा है जो बढ़ते सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा जोखिमों को रेखांकित करता है, जिसमें रेबीज का प्रसार भी शामिल है। निवासियों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि इस खतरे को नियंत्रण से बाहर होने से पहले ही रोकने के लिए एक आक्रामक नसबंदी और टीकाकरण अभियान शुरू किया जाए। उनका कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए यह आवश्यक है।
समस्या का समाधान जरूरी
आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार और प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे। इसमें नसबंदी और टीकाकरण अभियान चलाना, आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाना और नागरिकों को जागरूक करना शामिल है। स्थानीय प्रशासन ने आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन निवासियों का आरोप है कि ये कदम पर्याप्त नहीं हैं। प्रशासन को अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
हमले से बचने के लिए क्या करें?
नागरिकों को आवारा कुत्तों के हमले से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। शाम के समय बाहर निकलने से बचना चाहिए और बच्चों को अकेले बाहर न जाने देना चाहिए। यदि आवारा कुत्ते दिखाई दें, तो शांति से और धीरे-धीरे वहां से हट जाना चाहिए। |
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