फ्लाइट-11 ने सभी अहम टेस्ट पूरे किए (फोटो सोर्स- स्पेसएक्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्पेलएक्स ने 13 अक्टूबर 2025 को दक्षिण टेक्सास के स्टारबेस लॉन्च साइट से अपने स्टारशिप फ्लाइट-11 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह कंपनी के परीक्षण कार्यक्रम की 12वीं उड़ान थी और वर्तमान V2 डिजाइन की आखिरी फ्लाइट भी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस उड़ान ने सभी अहम चरणों, जैसे रॉकेट का अलग होना, इंजन का दोबारा चालू होना, पेलोड छोड़ना और सुरक्षित लैंडिंग को बिना किसी बड़ी गड़बड़ी के पूरा किया।
फ्लाइट-11 का क्या है मकसद?
स्पेसएक्स के मुताबिक, फ्लाइट-11 का मकसद पिछले मिशनों की उपलब्धियों को दोहराना और उनमें सुधार करना था। सुपर हैवी बूस्टर ने तय समय पर मुख्य रॉकेट से अलग होकर गल्फ ऑफ मेक्सिको लैंडिंग की और आंशिक रूप से सफल रहा। ऊपरी हिस्सा यानी स्टारशिप (Ship 38) सफलतापूर्वक कक्ष में पहुंचा, जहां उसने पेलोड लॉन्च किया और बाद में भारतीय महासागर में लैंडिंग की।
इस उड़ान के दौरान स्पेसएक्स ने एक नया प्रयोग किया- 13 इंजन डिसेंट प्रोफाइल, जिसमें आखिरी चरण में सिर्फ 5 इंजनों से नियंत्रण किया गया। इसके अलावा, कुछ हीट-शील्ड हटाकर इंजीनियरों ने पुन:प्रवेश के दौरान गर्मी और दिशा नियंत्रण की सीमाएं भी जांची।
अब किस पर काम करेगी कंपनी?
फ्लाइट-11 के साथ स्टारशिप V2 युग का अंत हो गया है। अब कंपनी वर्जन-3 पर आगे बढ़ रही है, जो और ऊंचा, ज्यादा शक्तिशाली होगा और इसमें 42 रैप्टर इंजन होंगे। नए वर्जन के लिए स्पेसएक्स बेहतर लॉन्च माउंट, नई फ्लेम ट्रेंच और मजबूत कैचिंग आर्म्स भी तैयार कर रहा है।
फ्लाइट-11 की यह सफलता आने वाले NASA Artemis III चंद्र मिशन और मंगल कार्गो मिशनों के लिए बड़ी तैयारी मानी जा रही है। यह कदम स्पेसएक्स के पूर्ण रूप से पुन: प्रयोग योग्य और इंटरप्लानेटरी सिस्टम की दिशा में एक और मजबूत कदम है। |