बीमा भारती।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। दूसरे चरण में हो रहे रूपौली विधानसभा चुनाव में नामांकन के लिए गुरुवार को राजद प्रत्याशी के रूप में बीमा भारती ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। बीमा भारती पांच बार रूपौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। साल 2000 में बीमा भारती पहली बार वह निर्दलीय जीती थीं। उसके बाद 2005 के अक्टूबर माह के चुनाव में वह राजद के टिकट से रूपौली से जीत हासिल की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, इसके बाद बीमा भारती साल 2010, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में लगातार जदयू प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीती चुकी हैं। इसके बाद राजद ने उन्हें पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था। विधानसभा चुनाव के लिए अपने नामांकन के दौरान उन्होंने जो हलफनामा दायर किया है, उसमें उन्होंने अपनी आय का ब्योरा प्रस्तुत किया है।
पति अवधेश मंडल के पास बीमा से कम संपत्ति
कुल चल-अचल संपत्ति का जो उन्होंने ब्योरा दाखिल किया है। उसके अनुसार उनके बीमा भारती से पास कुल 3,95,30,038 रुपए की चल-अचल संपत्ति है, जबकि उनके पति अवधेश मंडल के पास 1.54 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनके पास नकदी 2,65,000 रुपये है।
बीमा भारती नाम से 5 लाख के एलआईसी भी है, जबकि 41.65 लाख रुपये से अधिक मूल्य का उनके पास करीब 350 ग्राम सोने का गहना व 1.62 लाख मूल्य की 900 ग्राम चांदी का आभूषण भी है।
इससे पहले साल जून 2024 के लोकसभा के दौरान बीमा भारती बीमा भारती ने खुद की संपत्ति 2.55 करोड़ रुपए घोषित की थी। यानि इस दौरान उनकी संपत्ति में 30 लाख का इजाफा हुआ है। बीमा के खिलाफ तीन मामले भी हैं।
दर्ज चुनावी हलफनामे के अनुसार, विधायक बीमा भारती गाड़ियों के साथ-साथ हथियार की भी शौकीन हैं। राजद प्रत्याशी बीमा भारती के पास 39 लाख की एक फॉर्च्युनर कार, 23 लाख की एसयूवी के साथ-साथ 11 लाख की थार गाड़ी भी है। इसके अलावा उनके पति के अवधेश मंडल के पास 8.54 लाख की क्रेटा कार है।
वहीं, उनकी बेटे राजकुमार के नाम से एक स्कॉर्पियो गाड़ी भी है। जिसकी कीमत 23 लाख से ज्यादा की बताई गई है। वहीं, विधायक बीमा भारती के नाम पर एक रायफल व एक गन का भी लाइसेंस है।
इसके आलावा, उनकी बेटी सह जिला परिषद सदस्य रानी कुमारी के नाम से भी एक राइफल का लाइसेंस है। बीमा भारती के खिलाफ रूपौली और भवानीपुर थाने में तीन मामले दर्ज हैं। इसमें दो मामले आचार संहिता उल्लंघन के हैं, जबकि एक प्रताड़ना का मामला है। उनमें किसी में भी दोष सिद्ध नहीं हुआ है।
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