इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रधानमंत्री को विदुर ब्रांड के उत्पादों के बारे में जानकारी देतीं महिलाएं। सौ. प्रशासन
जागरण संवाददाता, बिजनौर। ग्रेटर नोएडा में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदुर ब्रांड के उत्पादों के बारे में जाना। उन्होंने जिले के गांव राजारामपुर खादर में साबुन बनाने वाली समूह सखी जूली देवी से वार्ता की और विदुर ब्रांड को भारतीय उत्पादों का प्रतीक बताया। जूली देवी से विदुर ब्रांड को और मजबूत बनाने का आह्वान किया। कहा कि भारतीय उत्पाद बाजार में जितना अधिक होंगे उतना ही देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विदुर ब्रांड जिले की महिलाओं के स्वाबलंबन का प्रतीक बन चुका है। सवरा दो लाख से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर विदुर ब्रांड के लिए उत्पाद बना रही हैं। इन उत्पादों को बेचकर हो रही आमदनी से उनका जीवन खुशहाल हो रहा है। लगभग 30 हजार महिलाएं लखपति दीदी क्लब में भी शामिल हो चुकी हैं। मतलब कि वे हर वर्ष कम से कम एक लाख रुपये की आय कर रही हैं।
जिले में स्वयं सहायता समूहों का गठन वर्ष 2013 में शुरू किया गया था। महिलाओं ने शुरूआती दौर में अचार, पापड़ आदि बनाने का काम शुरू किया लेकिन बीते चार से पांच वर्ष में समूहों के कामों में महिलाएं नए नए प्रयोग करने से पीछे नहीं हटीं। महिलाओं ने टैडी बीयर बनाए तो सैनेट्री पैड भी। साबुन बनाए तो मोटे अनाज की खेती से भी जुड़ीं और खुद ही अपने उत्पाद बाजार में उतारे।
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दो वर्ष जिले के उत्पादों को विदुर ब्रांड नाम दिया गया। विदुर ब्रांड के नाम के साथ ही प्रशासन ने समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग की और दुकानों के माध्यम से घर घर पहुंचाने में मदद की। शासन ने भी महिलाओं की मेहनत को पहचाना। स्वतंत्रता और गणतंत्रता दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में दिल्ली में महिलाओं को बुलाया जाने लगा। आज स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की मेहनत सबके सामने है। समूहों से जुड़ीं ज्योति और जूली देवी ग्रेटर नोएडा में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड शो में जिले का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। दोनों ने जिले की महिलाओं की सफलता की कहानी प्रधानममंत्री को सुनाई।
सीडीओ पूर्ण बोरा का कहना है कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाओं की आय बढ़ी है और उनका जीवन खुशहाल हुआ है। अधिक से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी क्लब में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
ज्येाति और जूली चला रहीं कुटीर उद्योग
ज्योति और जूली दाेनों ही स्नातक हैं। कुछ समय पहले तक दोनों गृहणी ही थीं लेकिन समूहों से जुड़कर अब अब वे कुटीर उद्योग चला रही हैं। जूली साबुन बना रही हैं तो ज्योति मसाले। दोनों के समूहों में लगभग 50 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। कई और समूह भी ऐसे हैं जो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। |