टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को आक्सफोर्ड का सर्वोच्च सम्मान। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित समरविले कॉलेज ने अपने सर्वोच्च सम्मान \“फाउंडेशन फेलोशिप\“ से नवाजा है।
परोपकार के लिए दिया जाने वाला यह कॉलेज का सबसे बड़ा सम्मान है। उन्हें यह फेलोशिप कॉलेज में \“रतन टाटा बिल्डिंग\“ के निर्माण में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रदान की गई है, जो भारत और आक्सफोर्ड के बीच अकादमिक संबंधों को और गहरा करेगा। ऑक्सफोर्ड में आयोजित एक भव्य समारोह में चंद्रशेखरन को यह सम्मान प्रदान किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वाइस-चांसलर प्रोफेसर आइरीन ट्रेसी, भारत के उच्चायुक्त विक्रम डोरास्वामी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार वरुण चंद्रा समेत टाटा समूह और विश्वविद्यालय के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह फेलोशिप ऑक्सफोर्ड और इसके प्राप्तकर्ता के बीच एक आजीवन बंधन स्थापित करती है।
रतन टाटा के नाम पर बनी बिल्डिंग बनी वजह
कॉलेज ने यह सम्मान चंद्रशेखरन द्वारा अपने गुरु, प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के नाम पर बने \“रतन टाटा बिल्डिंग\“ के निर्माण को संभव बनाने में निभाई गई अहम भूमिका के लिए दिया है।moradabad-city-general,Moradabad City news,Kundarki crime news,buffalo theft,cattle theft,farmer robbed,Uttar Pradesh crime,Moradabad police,rural crime,animal theft,up news,uttar pradesh news,up news in hindi,Uttar Pradesh news
यह भव्य इमारत अब \“ऑक्सफोर्ड इंडिया सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट\“ का स्थायी केंद्र होगी। यह सेंटर 2013 से भारत और दुनिया को प्रभावित करने वाले सतत विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर शोध का नेतृत्व कर रहा है।
प्रतिभा और कड़ी मेहनत का प्रमाण
समरविले कालेज की प्रिंसिपल कैथरीन रायल ने कहा, चेयरमैन चंद्रशेखरन प्रतिभा और कड़ी मेहनत की शक्ति का एक चमकता हुआ प्रमाण हैं। हम इस सम्मान के माध्यम से टाटा समूह के साथ हमारी साझेदारी में उनके योगदान को मान्यता देते हुए बहुत खुश हैं।
इस अवसर पर चंद्रशेखरन ने कहा, कालेज का काम हमारे व्यापार के मूल्यों और इसकी प्रेरणा, रतन टाटा, के साथ गहराई से मेल खाता है। मुझे विश्वास है कि यह साझेदारी आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी और हम मिलकर दुनिया के सबसे बड़े पर्यावरणीय और सामाजिक सवालों से निपटने का अवसर पाएंगे। |