Bihar Chunav: बिहार की इस सीट पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ प्रचार करेंगे तेजस्वी, क्या है पूरा माजरा?

cy520520 2025-10-21 19:07:18 views 731
  

तेजस्वी यादव अपनी ही पार्टी के खिलाफ करेंगे प्रचार  



डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में महागठबंधन के भीतर असमंजस और खींचतान के कारण दरभंगा जिले की एक सीट पर अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है, जहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करना पड़ेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

दरअसल, सीटों के बंटवारे के दौरान महागठबंधन के सहयोगियों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई और कुछ मतभेद नामांकन के अंतिम दिन तक सुलझ नहीं पाए। इसके चलते, बिहार की कई सीटों पर \“फ्रेंडली फाइट\“ देखने को मिलेगी, जिसमें महागठबंधन के सहयोगी एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में होंगे, लेकिन दरभंगा के गौरा बौराम में अजीब ही स्थिति है।

विपक्षी खेमे में सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगने से पहले ही राजद ने अपने नेता अफजल अली खान को गौरा बौराम से मैदान में उतारने का फैसला कर लिया था। पार्टी नेतृत्व ने अफजल को अपना चुनाव चिन्ह और कागजात सौंप दिए, जिनमें उन्हें राजद उम्मीदवार घोषित किया गया है।
घर पहुंचने से पहले ही बदल गया फैसला

इसके बाद, अफजल खुश होकर अपने चुनाव क्षेत्र के लिए रवाना हो गए, जो पटना से लगभग चार घंटे की यात्रा थी और अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने के लिए उत्सुक थे। उनके घर पहुंचने तक, राजद और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के बीच समझौता हो गया, जिसके बाद गौरा बौराम सीट वीआईपी के खाते में जाएगी और महागठबंधन के सभी सहयोगी उसके उम्मीदवार संतोष सहनी का समर्थन करेंगे।

राजद नेतृत्व ने अफजल अली ख़ान से संपर्क किया और उनसे अपना चुनाव चिन्ह वापस करने और चुनाव से हटने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। राजद नेता ने पार्टी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।

राजद नेतृत्व ने चुनाव अधिकारियों को सूचित किया कि पार्टी अफजल अली खान की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करती है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वे अफजल अली खान को चुनाव मैदान से नहीं हटा सकते, क्योंकि उन्होंने उचित दस्तावेजों के साथ अपना नामांकन दाखिल किया है।
अब अब अपने ही चुनाव चिन्ह के खिलाफ होगा प्रचार

अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर अफजल अली खान के नाम के बगल में राजद का लालटेन चिन्ह होगा और तेजस्वी यादव राजद के चिन्ह वाले उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करेंगे।

राजद समेत महागठबंधन के सहयोगी दल VIP उम्मीदवार संतोष साहनी का समर्थन करेंगे, लेकिन अफजल अली खान की उम्मीदवारी को लेकर असमंजस की स्थिति नतीजों पर असर डाल सकती है।
राजस्थान में हो चुका है खेला

इससे पहले, लोकसभा चुनाव के दौरान, राजस्थान के बांसवाड़ा में भी ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी। कांग्रेस ने शुरुआत में अरविंद डामोर को अपना उम्मीदवार बनाया था।

बाद में, विपक्षी दल ने भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार रोत का समर्थन करने का फैसला किया और डामोर से अपना चुनाव चिन्ह वापस करने को कहा।

फिर क्या हुआ? डामोर गायब हो गए और समय सीमा के बाद ही लौटे। इसके चलते कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के \“हाथ\“ चुनाव चिन्ह वाले उम्मीदवार के ख़िलाफ़ प्रचार किया।

आखिरकार, रोत चुनाव जीत गए, लेकिन डामोर फिर भी 60,000 से ज़्यादा वोट पाने में कामयाब रहे। नजदीकी मुकाबलों में, इस तरह का असमंजस नतीजों को प्रभावित कर सकता है।

2020 के बिहार चुनाव में गौरा बौराम सीट वीआईपी के स्वर्ण सिंह के खाते में गई थी, लेकिन बाद में सिंह भाजपा में शामिल हो गए। 2010 और 2015 के चुनावों में, जदयू ने यह सीट जीती थी।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
132911

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.