फैजुल्लागंज के नाम से ही चार वार्ड
जागरण संवाददाता, लखनऊ: फैजुल्लागंज के नाम से दो दशक पहले राजधानी में एक ही वार्ड था। तेजी से हुई अवैध प्लाटिंग से क्षेत्रफल इतना तेजी से बढ़ा कि अब फैजुल्लागंज के नाम से ही चार वार्ड हैं।
पहले तो हाल यह था कि बारिश में नाव चलानी पड़ती थी। नदी का पानी पूरे इलाके में फैलने से जलनिकासी न होने से भी जलजमाव बना रहता है। पहले तो बिना बारिश भी जलभराव रहता था, लेकिन कुछ समय में हुए विकास से हालात में सुधार दिखाई दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यहां पर कालोनी बसाने वालों ने एलडीए से कोई ले-आउट पास नहीं कराया और लोगों से वादा करने के बाद जलनिकासी तक इंतजाम नहीं किया। मिट्टी वाले रास्तों में गड्ढे हैं बल्लियों और बांस के सहारे बिजली के तार दौड़ रहे हैं। सीवर और पेयजल की लाइन तो अभी सपना ही है।
लखनऊ में आशियाना बनाने की चाहत में अवैध और अनियोजित तरह से बसाई गई कालोनियों की संख्या 15 सौ के करीब पहुंच गई है, जबकि एलडीए महायोजना 2021 में 243 अवैध कालोनियां चिन्हित की गई थी। कोई रोकथाम न होने और कागज का मात्र टुकड़ा बन गए शासनादेश से इन कालोनियों का विस्तार होता गया। एलडीए ने जहां लंबे समय से इन अनियोजित कालोनी के बनाए जाने पर अनदेखी किया तो नगर निगम ने सरकारी धन लगाकर वहां विकास कराके इन कालोनियों को बढऩे का मौका दिया।
सांसद, विधायक और पार्षद की वोट बैंक के चक्कर में विकास निधि को देने में कोई कंजूसी करते नहीं दिखे, जबकि नियमानुसार एलडीए से ले-आउट पास होने के बाद ही कोई कालोनी बनाई जा सकती है। प्रापर्टी डीलरों ने सरकारी जमीनों का भी सौदा कर दिया। खेत में ही बिना कोई नागरिक सुविधा दिए ही प्लाटिंग कर दी गई थी।
फैजुल्लागंज तो गोमती नदी का डूब क्षेत्र ही है और हर बारिश में यहां नदी जैसा नजारा दिखता था। पिछली बार सरकार के प्रयास से पचास करोड़ का नाला तो बनाया गया लेकिन अभी और भी नालों की यहां जरुरत है। इसी तरह नगर निगम की सीमा से जुड़े इलाकों में अवैध प्लाटिंग जारी है। इसमे अमौसी, कनौसी के अलावा भरवारा, खरगापुर, सरोजनीनगर, दुबग्गा, गुड़ंबा, हरदासी खेड़ा, शेखपुर, कसैला, आलमनगर, बुद्धेश्वर मंदिर, कुर्सी रोड जैसे इलाकों में आज भी भूखंड बिक्री के बोर्ड लगे हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शायद सुधरे हालात
मुख्यमंत्री ने मानकों का उल्लंघन कर बनाई जा रही अनियोजित कालोनियों पर रोक लगाने आदेश दिया है। निश्चित है कि इस आदेश का असर दिखेगा तो शहर की खूबसूरती पर बदनुमा दाग साबित हो रही अवैध कालोनियों पर रोक लगने से जमीनों की खरीद फरोख्त पर ही रोक लग सकेगी।
इन वार्डों का भी करना पड़ा विस्तार
अवैध प्लाटिंग से आबादी भी तेजी से बढ़ी तो नगर निगम कार वार्ड का क्षेत्रफल बढ़ाने के साथ वार्डों का भी विस्तार करना पड़ा। 110 वार्डों से अधिक नहीं किए जा सकते थे तो वार्ड को एक दो और तीन का नाम दिया गया। शंकर पुरवा, राजा बिजली पासी और अयोध्या दास भी है। सरकारी जमीनों से लेकर खेतों में बसाई गई इन कालोनियों के निवासियों को आज भी विकास का इंतजार है और जो पूरा होता नहीं दिख रहा है। |