सिर कटी लाश का खुलासा: साड़ी से मिला पहला सुराग, पौत्र के बयान से टूटी झूठ की दीवार

cy520520 2025-10-28 18:28:58 views 883
  

पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता करते पुलिस अधिक्षक उत्तरी जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव साथ में सीओं कैपियरगंज विवेक कुमार तिवारी। जागरण



जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कलावती हत्याकांड की गुत्थी पीपीगंज पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने सुरागों की बारीक कड़ियों से सुलझाई। शुरुआत में यह मामला किसी बाहरी हमलावर या तांत्रिक कृत्य जैसा प्रतीत हुआ, लेकिन जांच की परतें खुलीं तो सामने आया कि हत्या का सच घर की दीवारों में ही छिपा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

दादी की हत्या उसकी अपनी पौत्री खुशी ने की, और उसकी मां उत्तरा देवी ने शव ठिकाने लगाने में मदद की। मगर पुलिस को इस सच्चाई तक पहुंचाने में साड़ी, हसिया और काल डिटेल ने मदद की।

कलावती का सिर एक साड़ी में लिपटा मिला था। जब पुलिस ने बहू उत्तरा से पूछा कि यह साड़ी किसकी है, तो उसने सिरे से इंकार कर दिया। कुछ देर बाद उसका बेटा पवन आया और उसने साड़ी पहचान ली,पुलिस अधिकारियों को बताया कि साड़ी उसकी दादी की है, जिसे उसने खरीदी थी।

बस, यही वह पल था जब शक घर के भीतर जा पहुंचा। पुलिस ने उसके बाद परिवार के सभी सदस्यों की गतिविधियों की जांच शुरू की।उत्तरा देवी ने दावा किया कि कलावती हत्याकांड के दिन दवा और हसिया बनवाने के लिए बाजार गई थीं। पुलिस ने 50 सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली, मगर कलावती कहीं नहीं दिखीं।

यह भी पढ़ें- EV पर 2027 तक पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स में मिलेगी छूट, उपभोक्ताओं को मिली राहत

गांव के लोगों ने बताया कि जिस महिला को उन्होंने जाते देखा था, वह कोई और थी।सर्विलांस की मदद से चली छानबीन में पता चला कि कलावती सुबह 11 बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकलीं।हत्या के बाद बेटी के साथ मिलकर उत्तरा देवी ने शव को झोपड़ी में छिपा दिया ताकि पवन व नेहा को जानकारी न हो।

रात में नौ बजे पति परदेशी को फोन कर कहा, अम्मा अभी तक आयी नहीं।इसके बाद देर रात तक ढूंढने का नाटक किया इसी दौरान बोरे में रखा शव साइकिल पर रखकर गांव के बाहर खेत में ले जाकर फेंक दिया। रविवार को पुलिस ने सारे साक्ष्य एकत्र करने के बाद उत्तरा देवी के साथ ही बेटी खुशी को थाने बुलाया तो साथ में पति परदेशी व गांव के लोग भी पहुंच गए।

पुलिस पर परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगा हंगामा शुरू कर दिया,लेकिन कुछ देर बाद सच्चाई मालूम हुई तो चुप्पी साध ली। थानेदार के साथ ही पुलिस अधिकारियों से कहा कि उसे विश्वास नहीं हो रहा कि उसकी पत्नी व बेटी ऐसा कर सकते हैं।

दादी मुझे और मां को नौकरानी समझती थीं, छुड़ा दी पढ़ाई

खुशी ने पुलिस को बताया कि दादी मुझे और मां को नौकरानी की तरह रखती थी।पिता से कहकर पढ़ाई छुड़वा दी।हमेशा कहती थीं कि मैं किसी और की औलाद हूं जो उनके बेटे का हक खा रही हूं। पिता से शिकायत की तो उन्होंने कुछ नहीं किया जिसके बाद हर रोज मन में गुस्से का गुब्बार भर रहा था। रक्षाबंधन के बाद से ही मौके की तलाश में थी। 26 सितंबर को मौका मिला तो गड़ासे से हमला कर दादी को मार डाला।

कलावती की बहू उत्तरा देवी मूल रूप से बंगाल के बर्धमान जिले की रहने वाली थीं।करीब 20 वर्ष पहले उनकी शादी शंकर घोष से हुई थी। पति की प्रताड़ना से तंग आकर वह एक साल की बेटी (खुशी) को लेकर पिपराइच में अपने चाचा के पास आ गईं।

कुछ दिन बाद चाचा ने उसकी दूसरी शादी परदेशी यादव उर्फ राजेश से करा दी।शादी के कुछ दिन बाद तक सब ठीक चला, दो बच्चे हुए- पवन और नेहा। लेकिन जैसे ही बच्चे बड़े हुए, कलावती का व्यवहार बदल गया। वह अपनी बहू को ताने देने लगीं दूसरे की नाजायज औलाद घर ले आयी है जो मेरे बेटे का हिस्सा खा रही है।

पुलिस की जांच में सामने आया कि उत्तरा देवी ने पहले पति से बात कर खुशी को संपत्ति में हिस्सा देने के लिए कहा पर उसने इनकार कर दिया।खुशी ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन वह गांव की लड़कियों से बात कर रही थी।

दादी ने उसे रोकते हुए चरित्र पर सवाल उठाए, कहा तेरा भी चाल-चलन ठीक नहीं, वही खून है तेरा।उस क्षण, अपमान की आग को निगल लिया लेकिन मौका मिलते ही हत्या करने के बारे में सोच लिया था।

अफवाहों पर लगा विराम :


जब कलावती का शव मिला, तो गांव में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई।किसी ने कहा तांत्रिक ने मारा, किसी ने कहा चोरी के लिए हत्या हुई।पुलिस ने 20 लोगों से पूछताछ की, 50 सीसीटीवी कैमरे खंगाले, 50 काल डिटेल निकालीं और अंततः सारा रहस्य घर की दहलीज पर आकर थम गया।सोमवार को जब पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया, तब खुशी ने कहा कि मां का कोई दोष नहीं, मैंने अकेले ही दादी को मारा है।लेकिन सख्ती बढ़ने पर उसने पूरा सच उगल दिया।

अब बेटे को बनाया मुकदमा वादी :


घटना के बाद उत्तरा देवी व उसके बच्चे ही घर पर थे। परदेशी यादव व उनके भाई जितेंद्र बाहर थे। पीपीगंज पुलिस ने इस मामले में उत्तरा देवी की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध् हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। जांच में मुकदमा वादी के ही आरोपित निकलने पर विवेचक ने सोमवार की सुबह परदेशी को थाने बुलाया। बयान दर्ज करने के साथ ही मुकदमे का वादी बनाया।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
133300

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.