MVVNL: लखनऊ में पहली से बिजली की नई व्यवस्था, कम हो जाएगी सैकड़ों अभियंता व कर्मी

cy520520 2025-10-28 19:29:22 views 536
  

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एमवीवीएनएल)



जागरण संवाददाता, लखनऊ : सूबे की राजधानी में नई बिजली व्यवस्था एक नवंबर से लागू हो रही है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एमवीवीएनएल) की ओर से इसकी रूपरेखा भी जारी की गई है कि बिजली विभाग के कर्मी कैसे काम करेंगे और नई व्यवस्था उपभोक्ताओं की कैसे मदद करेगी। नई व्यवस्था में राजधानी से सैकड़ों कर्मी व अभियंता कम हो जाएंगे और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को हर माह वेतन के करोड़ों रुपये बचेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

नई व्यवस्था में उपभोक्ता बिजली से जुड़ी कहां शिकायत करेगा, उसका निस्तारण कैसे होगा और उसकी मॉनिटरिंग कौन करेगा। इसकी समाधान एक ही स्थान पर मिलेगा। अगर उपभोक्ता आनलाइन फ्रेंडली नहीं है तो वह शहर के प्रमुख स्थानों पर खुलने वाले 21 हेल्पडेस्क पर भी जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा। यह व्यवस्था निरंतर चलती रहेगी। बिजली विभाग के प्रबंधन का उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं की शिकायतें तो प्राथमिकता पर हल हो, लेकिन अन्य खर्चें जो वेतन के रूप में हर माह जाते हैं, उन पर भी लगाम लगे।  

इस तरह बनाई गई रूपरेखा

  • 1912/कन्ट्रोल रूम/अधिकारी/कर्मचारियों को सूचनाएं जो उपभोक्ता की ओर से आएंगी, वह अपडेटेड साफ्टवेयर के जरिए, संबंधित अभियंता व कर्मियों को भेजी जाएंगी।
  • इसको फॉल्ट को ठीक करके बिजली चालू करनी होगी। कंट्रोल रूम में बैठने वाले अधिकारी व कर्मी यह सुनिश्चित करेंगे कि समस्या का समय से निस्तारण हुआ या नहीं। इसका रिकार्ड सिस्टम पर होगा।
  • उपभोक्ता के त्रुटिपूर्ण विद्युत बिलों के संशोधन के लिए उपभोक्ता ऐप/1912 एवं उपभोक्ता सहायता केन्द्र में किसी भी माध्यम से आवेदन किया जाएगा।
  • शिकायतों को अधिशासी अभियन्ता (बिलिंग) कार्यालय में तैनात कार्मिक को रैंडम आधार पर काम आवंटित होगा। प्रकिया फेसलेस होगी। संबंधित डाक्यूमेंट व्हाट्सएप्प, उपभोक्ता ऐप और सहायता केंद्र के माध्यम से लिए जाएंगे।
  • नये कनेक्शन झटपट पोर्टल एवं निवेश मित्र पोर्टल पर भार के आधार आवेदन होगा। विभागीय नियमों का पालन करते हुए रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। भुगतान जमा होते ही कार्यवाही आगे की होगी। मीटर लगाने का काम कार्यदायी संस्था/विभागीय टीम द्वारा होगा।
  • अधिशासी अभियंता (33 के.वी.) व अधिशासी अभियन्ता (11 के.वी.) आवश्यकता अनुसार स्टाफ का प्रयोग कर सकेंगे। राजस्व वसूली के लिए भी संविदा स्टाफ का प्रयोग किया जाएगा।
  • अधिशासी अभियन्ता (बिलिंग), अधिशासी अभियन्ता (कलेक्शन), अधिशासी अभियन्ता (मीटर) एवं अधिशासी अभियन्ता (रेड्स) को आवंटित अवर अभियंता एवं संविदा स्टाफ का प्रयोग उपलब्धता के अनुसार होगा।
  • हेल्प डेस्क/कार्यालयों का स्थान परिवर्तन प्रबंध निदेशक के निर्देश पर बदला भी जाएगा। जरूरत के हिसाब से।
  • बिजली उपकेंद्रों में वाहन चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे।
  • हेल्पडेस्क की व्यवस्था एक नवंबर 2025 के पूर्व करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • शहरी पुनर्गठन के फलस्वरूप कोई भी नियमित पद समाप्त अथवा सृजित नहीं होगा। डिस्काम के अन्तर्गत ही समायोजित होंगे।
  • वर्तमान व्यवस्था को लागू कराने के लिए मुख्य अभियन्ता (वितरण) का दायित्व होगा कि जन/उपभोक्ता हित में नई व्यवस्था के अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्यालयों का नाम, पता व फोन नंबर दिवार/होर्डिंग/नेम-प्लेट पर लिखवाकर व्यापक प्रचार-प्रसार करे।
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