MSME के लिए 100 करोड़ रुपये तक का लोन देने वाली स्कीम
नई दिल्ली। माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। एमएसएमई सेक्टर रोजगार पैदा करने, इनोवेशन और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, पैसे की तंगी और लोन मिलने में मुश्किलें इनकी ग्रोथ में बड़ी रुकावट होती हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, केंद्र सरकार ने म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी स्कीम (MCGS-MSME) शुरू की है। क्या है ये योजना, आइए बताते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कब हुई थी लॉन्च
इस साल जनवरी में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में MSME के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी स्कीम (MCGS) लॉन्च की, जिसके तहत MSME 100 करोड़ रुपये तक के बिना गारंटी वाले लोन ले सकते हैं। इस लोन के लिए कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं है।
इस फंडिंग से वे मशीनरी, इक्विपमेंट और दूसरी बिजनेस जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इस स्कीम का एलान बजट 2024-25 में किया गया था, जिससे MSME सेक्टर को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
ये हैं स्कीम के मुख्य खासियतें
- 100 करोड़ रुपये तक के कोलैटरल-फ्री लोन
- MSME ग्रोथ और एक्सपेंशन के लिए फाइनेंशियल मदद
- नई इंडस्ट्री और बिजनेस को बढ़ावा
- मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्टअप के लिए सपोर्ट
कौन देता है गारंटी कवरेज
इस योजना के तहत, नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) मेंबर लेंडिंग इंस्टीट्यूशन (MLI) को 60% गारंटी कवरेज देती है। इससे बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की सिक्योरिटी बेहतर होती है, जिससे वे MSME को आसानी से क्रेडिट दे पाएंगे।
लोन की शर्तें
- आवेदक के पास वैलिड उद्यम रजिस्ट्रेशन नंबर होना चाहिए
- लोन अमाउंट अधिकतम 100 करोड़ रुपये हो सकता है
- प्रोजेक्ट की कॉस्ट का कम से कम 75% मशीनरी या इक्विपमेंट खरीदने पर खर्च होना चाहिए
एमएसएमई के लिए क्यों जरूरी है ये स्कीम
बिना गारंटी वाले लोन से स्मॉल और मिड साइज बिजनेस को ज्यादा फाइनेंशियल सपोर्ट मिलेगा। वहीं स्टार्टअप्स और नई टेक्नोलॉजी अपनाने को फाइनेंशियल सहायता भी मिलेगी। बिजनेस बढ़ने और नए बिजनेस से नौकरी के ज्यादा मौके मिलेंगे और मजबूत MSME सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में योगदान देगा।
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