यूपी में बुलडोजर एक्शन का सामना कर रहे दो लोगों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत

LHC0088 2025-12-5 02:39:26 views 1225
  

बुलडोजर एक्शन का सामना कर रहे दो लोगों को SC से अंतरिम राहत



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश में संपत्ति ढहाए जाने की कार्रवाई का सामना कर रहे दो याचिकाकर्ताओं को एक हफ्ते की अंतरिम राहत या संरक्षण प्रदान कर दिया।

साथ ही निर्देश दिया कि तब तक पक्षकार यथास्थिति बनाए रखें। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उनके घर या मैरिज हाल परिसर का एक हिस्सा अधिकारियों ने पहले ही थोड़ा गिरा दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस पर पीठ ने उचित आदेश के लिए उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उसकी ओर से दी गई अंतरिम राहत, हाई कोर्ट को याचिका पर सुनवाई करने और स्थगन की अर्जी पर उसकी मेरिट के आधार पर विचार करने में प्रभावित नहीं करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम राहत

पीठ ने यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें अधिकारियों को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना याचिकाकर्ताओं के घर या मैरिज हाल के ढांचे को और गिराने से रोकने की मांग की गई थी।

शुरुआत में पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से पूछा कि उन्होंने पहले हाई कोर्ट के बजाय सुप्रीम कोर्ट का रुख क्यों किया। वकील ने कहा कि शीर्ष अदालत ने \“\“बुलडोजर जस्टिस\“\“ के मुद्दे पर विचार किया था। इस पर पीठ ने कहा, \“कोर्ट पहले ही विस्तृत फैसला दे चुका है। हाई कोर्ट का रुख करें और उस फैसले का लाभ उठाएं। यह क्या है?

आप हर बार (अनुच्छेद) 32 के तहत क्यों आते हैं।\“ पीठ ने कहा, \“ऐसा नहीं है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट तात्कालिकता पर विचार नहीं करता। आपको उल्लेख करना होगा।\“ वकील ने कहा कि वह हाई कोर्ट का रुख करेंगे, लेकिन शीर्ष अदालत उन्हें कम से कम 15 दिनों की राहत प्रदान कर दे।
यूपी संपत्ति विध्वंस मामला

याचिकाकर्ताओं में से एक 75 वर्षीय व्यक्ति है और उसने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि उसे नोटिस दिया जाए और उसकी बात सुनी जाए, लेकिन कोई नोटिस नहीं दिया गया। क्या यही इस देश का कानून है? पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता यही बात हाई कोर्ट के सामने भी कह सकते हैं।

वकील ने कहा कि अधिकारी वहां बुलडोजर लेकर खड़े हैं और वे संपत्ति गिरा देंगे। इस पर पीठ ने कहा कि वह एक हफ्ते की राहत देंगे, आप हाई कोर्ट में जाकर उल्लेख करें। संपत्ति ढहाने के मामलों में हाई कोर्ट में जिस दिन उनका उल्लेख होता है, उसी दिन उन पर सुनवाई भी होती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का निर्देश

पीठ ने संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया। कहा कि याचिकाकर्ता अनुच्छेद-226 के तहत अपने अधिकार वाले हाई कोर्ट में जा सकते हैं। वकील ने कहा कि अधिकारियों की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। तो पीठ ने कहा, \“\“आप चाहें तो अवमानना याचिका दायर करें।\“\“

गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवंबर में एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत के लिए दिशानिर्देश तय किए थे और कहा था कि कारण बताओ नोटिस के बिना कोई भी संपत्ति नहीं ढहाई जानी चाहिए और प्रभावित लोगों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए।

(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.