Phase 1 Voting: पहले चरण में गढ़ बचाने और सेंध लगाने की जंग, मैदान में तेजस्वी-तेजप्रताप, अनंत, मैथिली और सम्राट...

cy520520 2025-11-5 15:07:08 views 593
  

बिहार की सियासत का सबसे बड़ा इम्तिहान



जागरण टीम, पटना। Bihar Election 2025 Phase 1 Voting: पहले चरण में गुरुवार को होने जा रहा है। 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान के साथ ही कई सियासी दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी। मैदान में इस बार तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, अनंत सिंह, मैथिली ठाकुर और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जैसे नामों की साख दांव पर है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव वैशाली जिले के राघोपुर और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सिवान से राजद के उम्मीदवार हैं। विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा जिले के आलमनगर से जदयू के उम्मीदवार हैं।

प्रदेश जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा महनार और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार औरंगाबाद जिले के कुटुंबा से उम्मीदवार हैं। जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवार तेज प्रताप यादव वैशाली जिले के महुआ से चुनाव लड़ रहे हैं।

पूर्व सांसद रामकृपाल यादव (भाजपा)और पूर्व मंत्री श्याम रजक (जदयू)क्रमश: दानापुर और फुलवारीशरीफ से चुनाव लड़ रहे हैं।
यह चरण सत्ता और विपक्ष के लिए बेहद अहम

पहले चरण दोनों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। 2020 में जहां इन सीटों में से 61 महागठबंधन के खाते में गई थीं, वहीं 59 पर एनडीए ने कब्जा जमाया था। चकाई से निर्दलीय सुमित सिंह की जीत हुई थी, जो अब जदयू उम्मीदवार हैं।

इस बार समीकरण बदले हैं, लोजपा अब एनडीए के साथ है, जबकि वीआईपी ने महागठबंधन का दामन थाम लिया है। ऐसे में पहले चरण की लड़ाई न सिर्फ गढ़ बचाने, बल्कि दूसरे के गढ़ में सेंध लगाने की जंग में बदल गई है।
तारापुर के सम्राट का निर्णय अभी होना है

सम्राट चौधरी के मैदान में आने से तारापुर राज्य की हाट सीट बन गई है। पहले यह सीट राजग के घटक दल जदयू के पास थी। सिटिंग विधाक राजीव सिंह का टिकट काटकर सम्राट चौधरी को दिया गया।

राजद से यहां दूसरी बार अरुण साह प्रत्याशी हैं, जबकि जन सुराज पार्टी ने चिकित्सक संतोष कुमार सिंह मैदान में उतारा है। यहां आमने-सामने का मुकाबला है। कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं।
अलीनगर में ब्राह्मण चेहरों में टक्कर, मैथिली ने बनाया चर्चित

मात्र 25 वर्ष की उम्र वाली लोकगायिका मैथिली ठाकुर को भाजपा से मैदान में उतार मुकाबला रोचक बना दिया है। यहां ब्राह्मण, मुस्लिम एवं यादव मतदाता निर्णायक हैं।

पिछले चुनावों तक इन्हीं को ध्यान में रखकर पार्टियां प्रत्याशी उतारती रही हैं। इस बार बदलाव हुआ है। मैथिली के सामने राजद के विनोद मिश्र हैं।

राजद के मुस्लिम चेहरा अब्दुल बारी सिद्दीकी उनके लिए अभियान चला रहे। जन सुराज पार्टी के विप्लव चौधरी हैं। महागठबंधन आधार वोट और जातीय समीकरण यादव-मुस्लिम को सहेज रहा।
लखीसराय में आमने-सामने की लड़ाई

लखीसराय सीट पर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भाजपा के टिकट पर पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रस ने लगातार दूसरी बार अमरेश कुमार अनीश को प्रत्याशी बनाया है।

कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं। जन सुराज पार्टी ने सूरज कुमार को टिकट दिया है। यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। विजय सिन्हा चार बार इस सीट से विधायक रहे हैं।
महुआ में चतुष्कोणीय लड़ाई में फंसे हैं तेजप्रताप

महुआ में चतुष्कोणीय मुकाबले में जनशक्ति जनता दल के तेजप्रताप पर सबकी नजर है। पिछली बार जदयू की प्रत्याशी रही डा. आसमां परवीन बगावत कर चुनावी मैदान में हैं।

राजद से विधायक डा. मुकेश रौशन और लोजपा-रामविलास के संजय सिंह प्रत्याशी हैं। दोनों ओर से जबरदस्त मोर्चाबंदी के बीच तेजप्रताप और डा. आसमां के मैदान में डटे होने से महुआ द्वंद में है।

दो दिन पहले ही यहां सभा कर तेजस्वी राजद प्रत्याशी को जिताने की अपील कर चुके हैं। प्रत्युत्तर में तेजप्रताप राघोपुर में जनसभा का तेजस्वी को ललकार चुके हैं।
राघोपुर में तेजस्वी और सतीश के बीच सीधा मुकाबला

राघोपुर में महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव और एनडीए के सतीश कुमार यादव के बीच सीधा मुकाबला है। जन सुराज पार्टी के चंचल सिंह और तेजप्रताप की पार्टी से प्रेम कुमार लड़ाई को रोचक बना रहे।

तेजस्वी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं और इस बार हैट्रिक की जुगत में हैं। लालू परिवार की मानी जाने वाली इस सीट पर राबड़ी देवी को सतीश धूल चटा चुके हैं।

  
साहेबगंज में मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

साहेबगंज से पर्यटन मंत्री एवं भाजपा विधायक राजू कुमार सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। पिछले चुनाव में वीआइपी के टिकट पर राजू ने राजद के पूर्व मंत्री रामविचार राय को हराया था।

बाद में राजू भाजपा में सम्मिलित हो गए थे। वे चार बार इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बार उनके सामने राजद के नए उम्मीदवार पृथ्वी नाथ राय हैं। मुकाबला राजपूत बनाम यादव है। सहनी एवं मल्लाह वोटर हैं।
पारू में अशोक कुमार सिंह की बगावत से लड़ाई रोचक

राजपूत एवं यादव बहुल पारू से एनडीए के घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से मदन चौधरी एवं राजद से शंकर प्रसाद मैदान में हैं।

अक्टूबर, 2005 से लगातार चार बार भाजपा से विधायक रहे अशोक कुमार सिंह टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय खड़े हैं।

वे एनडीए उम्मीदवार के लिए राह में बाधा बन रहे। राजपूत मतदाता किस तरफ जाते हैं, यह इस चुनाव का परिणाम तय करेगा।
बोचहां में सवर्ण व पासवान वोटर होंगे निर्णायक

अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित बोचहां रमई राम की सीट रही है। पिछले चुनाव में मुसाफिर पासवान ने वीआइपी के टिकट पर नौ बार विधायक रहे रमई राम को हराया था।

मुसाफिर के निधन के बाद उप चुनाव में उनके पुत्र अमर पासवान ने भाजपा की बेबी कुमारी को हराया था। इस चुनाव में एक बार फिर अमर पासवान का लोजपा-रामविलास की बेबी कुमारी से मुकाबला है। सवर्ण एवं पासवान परिणाम तय कर सकते हैं।
कल्याणपुर में हैटट्रिक की जुगत में महेश्वर हजारी, माले पुराना प्रतिद्वंद्वी

कल्याणपुर से जदयू प्रत्याशी सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी के सामने महागठबंधन से भाकपा (माले) के रंजीत राम हैं।

भूमिहार और कुशवाहा बहुल इस क्षेत्र में मल्लाह, यादव और पासवान निर्णायक हैं। इस सीट से लगातार दूसरी बार जीतने का गौरव महेश्वर हजारी को है।

हैटट्रिक पर नजर है। जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार रामबालक पासवान त्रिकोण बनाने की जुगत में हैं। सवर्ण और युवा मतदाताओं पर नजर है।
सरायरंजन के मैदान में चौथी बार मंत्री, टक्कर जोरदार

मंत्री विजय कुमार चौधरी की सीट सरायरंजन में उनके सामने राजद के अरविंद सहनी हैं तो जन सुराज पार्टी से पूर्व मंत्री रामविलास मिश्र के पुत्र सज्जन मिश्र त्रिकोणीय धार दे रहे।

चौधरी चौथी बार मैदान में हैं। अरविंद सहनी पर राजद ने सामाजिक समीकरण के आधार पर दोबारा दांव लगाया है।

यादव और स्वजातीय आधार वोट बैंक के सहारे वे मैदान में हैं। उधर, सज्जन मिश्र भूमिहार-ब्राह्मण में मौका ढूंढ़ रहे।
उजियारपुर में चार कुशवाहा चेहरों में अपनापन खोज रहे मतदाता

उजियारपुर सीट से चार-चार कुशवाहा प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहे। ऐसे में यह सीट जातिगत गणित से लेकर व्यक्तिगत प्रभाव तक के हिसाब से चर्चा में है।

राजद ने पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक आलोक मेहता पर ही भरोसा जताया है, जबकि एनडीए से राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रशांत कुमार पंकज मैदान में हैं। जन सुराज पार्टी ने यहीं से विधायक रहे दुर्गा प्रसाद सिंह को उतारा है।

वहीं निर्दल प्रत्याशी के रूप में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बागी होकर चुनावी रणभूमि में हैं। चारों कुशवाहा समाज से हैं।
जाले में सेंधमारी के भरोसे जीत की आशा

कांग्रेस से कद्दावर नेता रहे ललित नारायण मिश्र के पौत्र ऋषि मिश्र मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा विधायक व नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार से है। जीवेश हैटट्रिक की उम्मीद में हैं।

ऋषि ब्राह्मण, जबकि जीवेश भूमिहार समाज से हैं। इसमें तीसरा फैक्टर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के भूमिहार प्रत्याशी रंजीत शर्मा का भी है।

2020 के चुनाव में मुखर रहे कांग्रेस के मस्कूर अहमद उस्मानी भी निर्दलीय मैदान में हैं। वे कांग्रेस के लिए चुनौती पैदा करते दिख रहे हैं।
परबत्ता की जनता सुनाएगी पाला बदल का परिणाम

परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में राजद के डा. संजीव कुमार और लोजपा-रामविलास के बाबूलाल शौर्य के बीच मुकाबला है। डा. संजीव जदयू छोड़कर राजद में शामिल हुए हैं, जबकि बाबूलाल पिछले चुनाव में भी लोजपा से मैदान में थे।

यहां से कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें जन सुराज पार्टी के विनय कुमार वरुण व बसपा के राबिन स्मिथ भी शामिल हैं।
अलौली से जुड़ी है पासवान परिवार की प्रतिष्ठा

अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित अलौली सीट से रामविलास पासवान के परिवार की प्रतिष्ठा जुड़ी है। यहां से रालोजपा प्रत्याशी के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के पुत्र यश राज मैदान में हैं।

पारस अलौली से सात बार विधायक रहे हैं। राजद से विधायक रामवृक्ष सदा और जदयू से रामचंद्र सदा मैदान में हैं। महागठबंधन, एनडीए और रालोजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं।
सहरसा की लड़ाई है नए दौर वाली

सहरसा विधानसभा क्षेत्र चर्चा में है। यहां से आइआइपी प्रमुख इंद्रजीत प्रसाद गुप्ता महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। ये पान समाज के भी नेता हैं।

भाजपा से आलोक रंजन और जन सुराज पार्टी से पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना मैदान में हैं। यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। इस सीट पर कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।
दरभंगा शहर में छठी बार मैदान में सरावगी

दरभंगा शहरी सीट से मंत्री संजय सरावगी छठी बार विधानसभा पहुंचने के लिए जोर लगाए हैं। वीआइपी प्रत्याशी उमेश सहनी और जन सुराज पार्टी से सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी आरके मिश्रा उनकी राह रोकने को तैयार हैं।

ब्राह्मण, मुस्लिम और वैश्य वोटों का समीकरण इस सीट पर जीत-हार तय करता रहा है। स्वाभाविक है, संजय सरावगी इस वर्ग को साधते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
नालंदा में नजदीकी लड़ाई के आसार

नालंदा में इस बार 2015 के चुनाव की तरह तगड़ी लड़ाई है। मंत्री श्रवण कुमार फिर जदयू से मैदान में हैं। कांग्रेस के कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया से कड़ी टक्कर है।

छोटे मुखिया सत्ता विरोधी लहर को भुनाते हुए युवा मतदाताओं को साधने में लगे हैं। वर्ष 2015 में छोटे मुखिया भाजपा से थे और जदयू के श्रवण कुमार से नजदीकी मुकाबले में हारे थे।
बक्सर में चतुष्कोणीय लड़ाई

सदर सीट पर इस बार कुल 15 प्रत्याशी हैं। इनमें लगातार दो बार से जीत रहे कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, भाजपा की ओर से पूर्व आइपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा, जन सुराज पार्टी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री केके तिवारी के पुत्र तथागत हर्षवर्धन और बसपा के अभिमन्यु सिंह की उम्मीदवारी प्रमुख रूप से चर्चा में है।
बहादुरपुर में परंपरागत वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश

बहादुरपुर सीट मंत्री जदयू के मदन सहनी की है। उनके सामने लालू प्रसाद के हनुमान कहे जाने वाले राजद के भोला यादव हैं। वे 2015 में यहां से जीत चुके हैं।

हालांकि, छात्र नेता दिलीप कुमार यादव निर्दलीय माहौल को गर्म कर रहे। जन सुराज पार्टी से मो. आमिर हैदर भी मुस्लिम मतदाताओं को लुभा रहे।
छपरा के त्रिकोणीय मुकाबले में खेसारी लाल

छपरा से राजद ने भोजपुरी सिने स्टार खेसारी लाल यादव को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा की छोटी कुमारी से मुकाबला है। भाजपा की बागी राखी गुप्ता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी समीकरण को त्रिकोणीय बना रही हैं।

पिछले दो चुनाव से यह सीट एनडीए के पास है। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सांसद राजीव प्रताप रुडी ने हाल ही में यहां रोड-शो किया, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी 30 अक्टूबर को जनसभा कर चुके हैं।
हरनौत में दसवीं जीत के लिए एड़ी-चोटी एक

हरनौत से जदयू के टिकट पर लगातार चुनाव जीत रहे विधायक 84 वर्षीय हरिनारायण सिंह दसवीं बार विधायक बनने के लिए एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं।

कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण कुमार उनकी जीत के क्रम को तोड़ने की जुगत में हैं। जन सुराज पार्टी के कमलेश पासवान भी मैदान में हैं।
अस्थावां का परिणाम तय करेगा आरसीपी सिंह का भविष्य

अस्थावां का परिणाम पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का राजनीतिक भविष्य तय करेगा। उनकी पुत्री लता सिंह जन सुराज पार्टी से यहां से प्रत्याशी हैं। जदयू में रहते कुशल संगठनकर्ता के रूप में उनकी पहचान रही है।


परसा है राजद और जदयू के लिए प्रतिष्ठा की सीट सारण की परसा सीट पर राजद की करिश्मा राय और जदयू के छोटेलाल राय के बीच मुकाबला है।

तेजप्रताप की चचेरी साली करिश्मा राय को प्रत्याशी बनाकर राजद ने क्षेत्र में उठने वाली अंगुली को नियंत्रित करने का प्रयास किया है। दूसरी ओर छोटेलाल राय राजद छोड़कर जदयू के सिंबल पर मैदान में हैं।

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