Amitabh Bachchan के साथ काम करने से इस शख्स ने कर दिया था इनकार, NSD छोड़ करने लगे थे सरकारी नौकरी

Chikheang 2025-11-8 19:37:47 views 842
  

अमिताभ बच्चन संग नाटक करने का ठुकराया था ऑफर। फोटो क्रेडिट- एक्स  



जागरण न्यूज नेटवर्क। ख्यात नाटककार दया प्रकाश सिन्हा (Daya Prakash Sinha)। नाटकों के प्रति ऐसी श्रद्धा और समर्पण कि 1957 में 22 वर्ष की उम्र से ही नाटक लिखने शुरू कर दिए थे, पहला नाटक सांझ सवेरा लिखा था । जीवटता ऐसी कि हरिवंश राय बच्चन के कहने पर भी अमिताभ बच्चन को लेकर नाटक निर्देशित करने से मना कर दिया था। एक नाटककार, लेखक, निर्देशक, अभिनेता और प्रशासक.. तमाम भूमिकाओं में इस लोक में विचरते रहे सिन्हा के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में बताता यह लेख... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
NSD छोड़ करनी पड़ी सरकारी नौकरी

वह लेखक, निर्देशक और अभिनेता तीनों का समिश्रण थे। नाटकों में रुचि ऐसी कि दया प्रकाश ने 1959 में नेशनल स्कूल आफ ड्रामा के पहले बैच में ही दाखिला लिया। हालांकि, उसी समय भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने के कारण वहां पढ़ने का अधूरा सपना लिए वो सरकारी सेवा की ओर मुड़ गए। यहां भी हरिवंश राय बच्चन की सिफारिश टाल गए थे। उनका नाटक के प्रति मोह बना रहा और नाट्य लेखन जारी रहा ।
अमिताभ बच्चन संग काम करने का ठुकराया ऑफर

हरिवंश राय बच्चन एक शाम दिल्ली में दया प्रकाश सिन्हा का नाटक देखने पहुंचे। दर्शक दीर्घा में बैठे वो दया जी की प्रतिभा से इस कदर प्रभावित हुए कि जैसे ही नाटक खत्म हुआ, सिन्हा से कहा, तुम हैमलेट नाटक निर्देशित करो और उन्होंने शर्त रखी कि मुख्य भूमिका उनका बेटा अमिताभ बच्चन निभाएगा। इसके लिए सिन्हा तैयार न हुए और उन्होंने नाटक निर्देशित करने से ही मना कर दिया। एक साक्षात्कार में यह बात उन्होंने साझा की थी।

  

Daya Prakash Sinha with former President Ramnath Kovind - X
नौकरी के बीच भी नहीं छोड़ा पैशन

सिन्हा समकालीन नाट्य लेखन के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में स्थापित हुए । नाटकों को लेकर उनके जुनून की बानगी के एक नहीं कई उदाहरण देखने को मिलते हैं। वह खुद नाटक लिखते.. निर्देशित करते और उसमें भूमिका भी निभाते। दिल्ली में 1971 में मेरे भाई मेरे दोस्त नाटक लिखा.. निर्देशित किया और उसमें अभिनय भी किया। कथा एक कंस की.. में भी वे तीनों भूमिकाओं में रहे।

यह भी पढ़ें- जब अमिताभ बच्चन ने 7 दिनों तक नहीं धोया था अपना चेहरा, बिग बी को क्यों करना पड़ा था ये काम?
कई नाटकों को लिखने में लिया दशकों का समय

सिन्हा के लिखे नाटक बहुत लोकप्रिय हुए। जगह-जगह उनका मंचन हुआ। धारावाहिक बने । हालांकि उनके लिखने की अपनी एक अनूठी शैली थी। वो नाटकों को लिखने में ऐसे रमते कि कई नाटकों को लिखने में तीस साल तक का वक्त लगा देते । चर्चित नाटक कथा एक कंस की.. लिखने में उन्होंने तीस वर्ष का समय लिया।
14 साल में पूरा किया था एक नाटक

सीढ़ियां नाटक.. चौदह वर्ष में पूरा किया। थिएटर की घटती लोकप्रियता को लेकर उनके मन में सदैव एक चिंता रहती थी। वो अपने बेबाक बोल के लिए भी जाने जाते थे। सम्राट अशोक की औरंगजेब से तुलना को लेकर उनके बयान पर देश में खूब सियासी पारा चढ़ा था। उनके नाटकों का स्वरूप विचार प्रधान था।

यह भी पढ़ें- नाती अगस्त्य नंदा की फिल्म से फूले नहीं समा रहे अमिताभ बच्चन, Ikkis की तारीफ में बांधे पुल
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
137677

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.