पर्यटन और अपनापन का संगम: मुरादाबाद में शुरू हुआ ‘होम स्टे’ कल्चर, परिवारों को मिला नया रोजगार

Chikheang 2025-11-10 22:36:44 views 310
  



जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। शहर की भीड़भाड़ और महंगे होटलों से दूर अब सुकून और अपनत्व की तलाश करने वालों के लिए मुरादाबाद में भी ‘होम स्टे’ एक नया आकर्षण बनकर उभर रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार की ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएंडबी) एवं होमस्टे नीति 2025’ अब यहां भी लोगों को घर बैठे आमदनी और पर्यटकों को घरेलू आतिथ्य का अनुभव देने जा रही है।
जिले में अब तक तीन आवेदक आए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ठाकुरद्वारा, बिलारी और मुरादाबाद शहर के तीनों लोग इस योजना के तहत अपने घरों का पंजीकरण करा चुके हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह शुरुआत छोटी है लेकिन दिशा बड़ी है। शिमला, कुल्लू और कांगड़ा टूरिस्ट स्थलों में ‘होम स्टे’ ने न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल दिया, बल्कि हजारों युवाओं को अपने गांव में ही रोजगार दिया।

हिमाचल में अब तक सात हजार से अधिक होम स्टे यूनिट्स पंजीकृत हैं, जिनमें कई महिलाओं द्वारा संचालित हैं। ऐसे ही माडल को उत्तर प्रदेश ने भी अपनाया है ताकि पर्यटन, आतिथ्य और ग्रामीण जीवन के अनुभव को स्थानीय लोगों से जोड़ा जा सके। मुरादाबाद में बीएंडबी नीति ने यह नया भाव पैदा किया है कि घर के खाली कमरे अब सामान्य खर्च नहीं, बल्कि स्थायी आमदनी का जरिया बन सकते हैं।

शहर के लोग इस प्रयोग को घरेलू अपनत्व और आधुनिक अवसर के मेल के रूप में देख रहे हैं। ठाकुरद्वारा से शुरू हुई यह पहल अगर सफल रहने पर मुरादाबाद बहुत जल्द होम स्टे डेस्टिनेशन के रूप में भी अपनी नई पहचान बना सकता है। सहायक पयर्टन अधिकारी प्रदीप टम्टा ने बताया कि बीएंडबी नीति पर्यटन के साथ स्थानीय सहभागिता को जोड़ने का माध्यम है।

मुरादाबाद में पीतल व लकड़ी का उद्योग, पारंपरिक कारीगरी और ग्रामीण संस्कृति है, जो यात्रियों को लोकल एक्सपीरियंस दे सकती है। हम चाहते हैं कि हर तहसील में कम से कम पाच होम स्टे यूनिट्स तैयार हों। अभी तक तीन आवेदन आए हैं। इनमें एक का पंजीकरण भी हो गया है।
यह है बी एंड बी एवं होमस्टे योजना

पर्यटन विभाग की यह नीति उन घर मालिकों के लिए है, जिनके पास किराये योग्य कमरे हैं और जो पर्यटकों को ‘घर जैसा ठहराव और नाश्ते की सुविधा’ देना चाहते हैं। यह होटल नहीं, बल्कि घर का विस्तार है, जहां मेहमान परिवार की तरह रहते हैं।
श्रेणी पंजीकरण शुल्क (रुपया)वैधता
होमस्टे (सिल्वर) 20005 वर्ष
होमस्टे (गोल्ड) 30005 वर्ष
ग्रामीण/डारमेट्री होमस्टे 1005 वर्ष
आवेदन tourism.up.gov.in पर आनलाइन किया जा सकता है।
एक बार में किसी मेहमान का प्रवास सात दिन से अधिक नहीं होगा।

ठाकुरद्वारा के चौहान परिवार ने खोला ‘होम स्टे’

ठाकुरद्वारा के एक परिवार ने अपने पुराने पुश्तैनी घर को नया रंग-रूप देकर इसे ‘होम स्टे’ पंजीकृत कराया है। घर के ऊपर के दो कमरे और एक बरामदा अब यात्रियों के लिए खोले गए हैं। मालिक का कहना है कि हमारे कस्बे में अक्सर दिल्ली, हरिद्वार, नैनीताल जाने वाले लोग ठहराव ढूंढ़ते हैं। पहले हमारे कमरे खाली रहते थे, अब वही आमदनी का जरिया बन गए हैं। मेहमानों को घर का खाना और स्थानीय व्यंजन पसंद आते हैं। पहले सोचते थे मेहमान ठहरेंगे कैसे, अब लगता है जैसे हम छोटा सा होटल नहीं, परिवार बढ़ा रहे हैं।
बिलारी और मुरादाबाद में भी रुचि

बिलारी में एक शिक्षक परिवार और मुरादाबाद शहर के रहने वाले एक व्यापारी ने भी अपने मकानों को गोल्ड श्रेणी के होम स्टे के रूप में पंजीकृत कराने की प्रक्रिया शुरू की है। दोनों ही परिवारों ने बताया कि उनके इलाके में रेलवे स्टेशन और औद्योगिक आगंतुकों के लिए यह ठहराव उपयोगी रहेगा। पर्यटन विभाग के अनुसार, इन तीनों आवेदनों का निरीक्षण नवंबर के अंत तक पूरा किया जाएगा।
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