मृत लोको पायलट प्रमोद कुमार। फोटो सौ. विभाग
संवाद सहयोगी, रक्सौल (पूर्वी चंपारण)। रक्सौल रनिंग रूम में बीते शनिवार को लोको पायलट प्रमोद कुमार चौधरी (41) की मौत एसी पाइप में लीकेज से फर्श पर गिरे पानी में फिसलने के कारण हुई थी। एडीआरएम आलोक कुमार झा की जांच रिपोर्ट में इसके लिए दोषी पाए गए रेलवे के तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इनमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर (विद्युत) प्रशांत कुमार मिश्रा, सीनियर सेक्शन इंजीनियर (निर्माण) प्रभात कुमार व क्रू लाबी इंचार्ज मो. जावेद शामिल हैं।
समस्तीपुर मंडल रेल प्रबंधक ज्योति प्रकाश मिश्र ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही एडीआरएम के नेतृत्व में जांच कमेटी को वहां भेजा गया था। जांच में रनिंग रूम में सुविधाओं की कमी पाई गई। प्रथमदृष्टया दोषी मिले तीन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। मामले की गहन जांच कराई जाएगी।
गौरतलब है कि पूर्वी चंपारण के कल्याणपुर थाने के परसौनी निवासी लोको पायलट प्रमोद कुमार चौधरी का हेडक्वार्टर नरकटियागंज था। शुक्रवार सुबह 10 बजे वे नरकटियागंज से ट्रेन लेकर रक्सौल पहुंचे। शनिवार तड़के चार बजे उन्हें ट्रेन लेकर वापस जाना था। रात लगभग ढाई बजे वे जागे। फिसलकर उनकी मौत हो गई।patna-city-general,Patna City news,vegetable centers Bihar,Bihar agriculture,cold storage facilities,farmers support Bihar,organic vegetable production,cooperative department Bihar,agricultural infrastructure,vegetable storage centers,Patna agriculture news,Bihar news
जांच में पाया गया कि एसी के पाइप में रिसाव के कारण उनके बेड के पास फर्श पर पानी फैला था। सोने गए तो फर्श पर पानी नहीं था। नींद खुलने के बाद वह वाशरूम जाना चाह रहे थे कि तभी फर्श पर फिसल गए। उन्हें माथे पर गंभीर चोट आई। खून अधिक बहने से उनकी मौत हो गई।
चर्चा है कि उन्हें पुरानी चप्पल भी दी गई, जो घिस गई थी। जांच के लिए पहुंचे एडीआरएम आलोक कुमार झा से लोको पायलट के सहकर्मियों ने इसकी शिकायत की थी। कार्रवाई की जद में आए तीनों अधिकारियों की इसमें लापरवाही मिली थी।
रनिंग रूम कर दिया था सील
लोको पायलट की मौत की सूचना मिलते ही आरपीएफ इंसपेक्टर अजय कुमार चौधरी ने मौके पर पहुंचकर रनिंग रूम को सील कर दिया था। एडीआरएम आलोक कुमार झा के रक्सौल पहुंचने पर रनिंग रूम को खोला गया। चर्चा है कि रनिंग रूम सील नहीं किया गया होता तो साक्ष्य मिटाने का खेल भी हो सकता था।
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