नादान मत समझिए जनाब! 14 साल से कम उम्र के बच्‍चे OTT पर हैं ज्‍यादा एक्टिव

LHC0088 2025-11-14 03:12:57 views 1134
  

एडल्ट ही नहीं, 14 से कम उम्र के बच्चे भी हैं OTT के दीवाने  



दीपेश पांडेय, मुंबई। हिंदी सिनेमा में मकड़ी, भूतनाथ और चिल्लर पार्टी, आई एम कलाम समेत ऐसी कई फिल्में बनीं, जो विशेष तौर पर बाल दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गईं। हालांकि, बीते कुछ वर्षों में ऐसी फिल्मों के निर्माण में कमी देखी गई है। ऐसे में बच्चे भी वही पारिवारिक फिल्में देख रहे हैं, जो बड़ों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं। बाल दिवस के मौके पर ऐसी फिल्मों की आवश्यकता, फिल्मकारों के रुझान और इस जोनर में संभावनाओं की पड़ताल पर दैनिक जागरण की पेशकश: विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बच्चों के लिए बनती हैं बहुत कम फिल्में

वर्ष 2008 में प्रदर्शित फिल्म भूतनाथ में हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने बंकू की भूमिका में बाल कलाकार अमन सिद्दीकी ने भी लोगों का उतना ही ध्यान आकर्षित किया, जितना बिग बी ने। फिल्म को बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी देखा और यह सुपरहिट रही। मनोरंजन के साथ-साथ यह फिल्म खत्म होते-होते एक प्यारा संदेश भी दे जाती है। ऐसे ही चिल्लर पार्टी, आई एम कलाम और तारे जमीं पर जैसी फिल्में भी मनोरंजन के साथ-साथ बच्चों को कुछ सिखा या प्रेरणा दे जाती हैं। फिल्म तारे जमीं पर बनाने वाले हिंदी सिनेमा के मिस्टर परफेक्शनिस्ट अभिनेता आमिर खान का कहना है,


‘हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बच्चों पर बहुत कम फिल्में बनाती है। यह दुख की बात है। इंडस्ट्री को लगता है कि बच्चों की फिल्मों के लिए मार्केट नहीं है, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता हूं। देश में बच्चे खूब हैं तो भला मार्केट क्यों नहीं है। ऐसा तो नहीं कि हमारे देश के बच्चे कंटेंट नहीं देखते हैं, डिज्नी की फिल्में तो देखते हैं। इसका मतलब मार्केट है, लेकिन हमें उस मार्केट के लिए फिल्में बनाना नहीं आता है। हमें अपने यहां के बच्चों के लिए अच्छे भारतीय कंटेंट बनाने चाहिए, अभी हम अपने बच्चों को पश्चिमी कंटेंट डब करके दिखाते हैं।’

  

बाल कलाकारों को कम मिल रहे हैं मौके

बच्चों के लिए बनने वाली फिल्में कम होने से बाल कलाकारों को मिलने वाले मौके भी कम हो रहे हैं। फिल्म छोटा भीम एंड द कर्स ऑफ दम्यान में छोटा भीम की भूमिका निभाने वाले बाल कलाकार यज्ञ भसीन का कहना है, ‘वयस्कों की फिल्मों में स्वाभाविक तौर पर बच्चों का ज्यादा रोल नहीं होता है। कहानी के ज्यादातर हिस्से में स्टार या वयस्क कलाकारों को ही केंद्र में रखा जाता है। बाल कलाकारों के हिस्से में गिने-चुने सीन ही आते हैं। इससे बाल कलाकारों के लिए भी आगे बढ़ने के मौके कम हो रहे हैं। फिल्मकारों से मैं अपील करना चाहूंगा कि बच्चों का भी एक बड़ा दर्शक वर्ग है, इसलिए उन्हें ऐसे ही नजरअंदाज नहीं करना चाहिए“।

यह भी पढ़ें- \“इंडस्ट्री के लोग सिर क्यों खुजला रहे हैं\“, OTT पर मूवी रिलीज को लेकर आमिर खान की ये सलाह कितनी परफेक्ट?
फायदेमंद हैं फिल्में

बाल दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई अच्छी फिल्में टिकट खिड़की के नजरिए से भी फायदेमंद होती हैं। पिछले साल आई ऑरमैक्स मीडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के कुल दर्शकों में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी बच्चों (14 वर्ष से कम) की है यानी यह दर्शक वर्ग छोटा नहीं है। फिल्म भूतनाथ के निर्देशक विवेक शर्मा इस बारे में कहते हैं, ‘बच्चों के लिए कम होती फिल्मों के लिए कार्पोरेट और स्टार सिस्टम जिम्मेदार है। कुछ निर्माताओं ने स्टार सिस्टम को बढ़ावा देकर असली सिनेमा को खत्म कर दिया।

भूतनाथ में मैंने बंकू की भूमिका में एक बच्चे को स्टार बनाया था और अमिताभ बच्चन के सामने खड़ा किया था। ऐसा नहीं है कि बच्चों की फिल्में फिल्मकारों के लिए फायदेमंद नहीं होती हैं। बच्चे फिल्में देखने कभी अकेले नहीं आते हैं, वे अपने माता-पिता को भी साथ लाते हैं। ऐसे में अगर फिल्म अच्छी है तो एक साथ तीन-चार टिकट कटती हैं। ऐसी फिल्मों का बहुत बड़ा बिजनेस होता है। मेरी आगामी दोनों फिल्में चुल्लू भर पानी और क ख ग घ नंगा दोनों बाल दर्शकों के लिए हैं।“

  
प्रेरणा का बड़ा माध्यम

अपने देश, संस्कृति, सभ्यता और जड़ों के बारे में बच्चों को बताने का एक सशक्त माध्यम बन सकता है सिनेमा। साल 2010 में प्रदर्शित फिल्म आई एम कलाम बाल मजदूरी करने वाले एक ऐसे बच्चे की कहानी है, जो एक दिन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम (पूर्व राष्ट्रपति) जैसा बनने का सपना देखता है। फिल्म में छोटू उर्फ कलाम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता हर्ष मायर बतौर बाल कलाकार की गई अपनी इस फिल्म को लेकर कहते हैं, ‘बच्चों को फिल्मों के माध्यम से प्रेरक कहानियां दिखाना जरूरी है। कम उम्र के बच्चे ऐसी ही फिल्में देख सकते हैं, बाकी दूसरी फिल्में देखने की उन्हें अनुमति नहीं होती है। बहुत से युवाओं ने मुझे बताया था कि स्कूल की तरफ से वे आई एम कलाम देखने गए थे। हालांकि, दुख भी होता है कि अब वैसी फिल्में नहीं बन रही हैं।’

वहीं विवेक शर्मा का कहना है कि सिनेमा के माध्यम से आप बच्चों को अपनी संस्कृति और देश के वर्तमान और इतिहास से परिचित करा सकते हैं। ऐसी कहानियां बनानी चाहिए, जो बच्चों के बालमन को संभाल लें और उन्हें कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करें।

यह भी पढ़ें- क्यों Aamir Khan से फिल्म नहीं मांगते \“तारे जमीन पर\“ के \“ईशान\“, बोले- वह मेरे भाई नहीं हैं...
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
134351

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.