Justice Surya Kant: कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत? 24 नवंबर को 53वें CJI की लेंगे शपथ, बीआर गवई हुए रिटायर

deltin33 2025-11-23 22:47:18 views 582
CJI Justice Surya Kant: जस्टिस सूर्यकांत सोमवार (24 नवंबर) को 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के रूप में शपथ लेंगे। जस्टिस सूर्यकांत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त करने संबंधी फैसले, बिहार SIR, पेगासस स्पाइवेयर मामला सहित कई ऐतिहासिक फैसलों और आदेशों का हिस्सा रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत वर्तमान CJI बी. आर. गवई की जगह लेंगे। उनका कार्यकाल 23 नवंबर की शाम को समाप्त हो जाएगा।



30 अक्टूबर को जस्टिस सूर्यकांत को अगले चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। वह इस पद पर लगभग 15 महीने तक रहेंगे। वह 65 वर्ष की उम्र में 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे। हरियाणा के हिसार जिले में 10 फरवरी, 1962 को मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत एक छोटे शहर के वकील से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचे हैं।



जस्टिस सूर्यकांत के बड़े फैसले और सफरनामा




संबंधित खबरें [/url]
[url=https://hindi.moneycontrol.com/india/last-rites-of-martyred-pilot-namnash-syal-at-in-kangra-wing-commander-afshan-article-2291177.html]तेजस क्रैश में शहीद विंग कमांडर नमांश को अंतिम विदाई...वर्दी पहन पायलट पत्नी ने किया आखिरी सैल्यूट
अपडेटेड Nov 23, 2025 पर 5:36 PM [/url]
[url=https://hindi.moneycontrol.com/india/maharashtra-news-wife-of-minister-pankaja-munde-pa-commits-suicide-family-alleges-harassment-article-2291126.html]Maharashtra News: महाराष्ट्र की मंत्री के PA की पत्नी ने की आत्महत्या, परिवार ने उत्पीड़न का लगाया आरोप
अपडेटेड Nov 23, 2025 पर 3:55 PM [/url]
[url=https://hindi.moneycontrol.com/india/pakistan-misinformation-about-india-rafale-fighter-jet-backfired-once-again-french-navy-dismissed-article-2291132.html]दुनिया के सामने फिर शर्मसार हुआ पाकिस्तान, राफेल को लेकर फैलाया था झूठ, फ्रेंच नेवी ने किया बेनकाब
अपडेटेड Nov 23, 2025 पर 3:26 PM

जस्टिस सूर्यकांत राष्ट्रीय महत्व और संवैधानिक मामलों के कई फैसलों और आदेशों का हिस्सा रहे हैं। उन्हें 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में पोस्ट ग्रेजुएट में पहला स्थान प्राप्त करने का गौरव भी प्राप्त है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कई उल्लेखनीय फैसले लिखने वाले जस्टिस सूर्यकांत को पांच अक्टूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था।



सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उनका कार्यकाल आर्टिकल 370 को हटाने से जुड़े फैसले, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिकता के अधिकारों पर फैसले देने के लिए जाना जाता है। जस्टिस सूर्यकांत राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों से निपटने में राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों से संबंधित राष्ट्रपति के परामर्श पर हाल में सुनवाई करने वाली पीठ में शामिल हैं। इस फैसले का बेसब्री से इंतजार है, जिसका असर सभी राज्यों पर पड़ सकता है।



वह उस पीठ का हिस्सा थे जिसने औपनिवेशिक युग के राजद्रोह कानून को स्थगित रखा था। साथ ही निर्देश दिया था कि सरकार के समीक्षा करने तक इसके तहत कोई नई FIR दर्ज नहीं की जाएगी। जस्टिस सूर्यकांत ने चुनाव आयोग से बिहार में मसौदा वोटर लिस्ट से बाहर रखे गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने को भी कहा था। उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी राज्य में मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था।



जमीनी स्तर पर लोकतंत्र और लैंगिक न्याय पर जोर देने वाले एक आदेश में उन्होंने एक ऐसी पीठ का नेतृत्व किया। इसने गैरकानूनी तरीके से पद से हटाई गई एक महिला सरपंच को बहाल किया और मामले में लैंगिक पूर्वाग्रह को उजागर किया। उन्हें यह निर्देश देने का श्रेय भी दिया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन समेत बार एसोसिएशन में एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएं।



जस्टिस सूर्यकांत उस पीठ का हिस्सा थे। इसने 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की जांच के लिए शीर्ष अदालत की पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति नियुक्त की थी। उन्होंने रक्षा बलों के लिए वन रैंक-वन पेंशन योजना को भी बरकरार रखा था। इसे संवैधानिक रूप से वैध बताया। साथ ही सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन में समानता का अनुरोध करने वाली महिला अधिकारियों की याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी।



ये भी पढ़ें- Chandigarh Law Row: \“फिलहाल बिल पेश करने का कोई इरादा नहीं\“; चंडीगढ़ को लेकर पंजाब में जारी विवाद पर केंद्र की सफाई



जस्टिस सूर्यकांत उन सात जजों की पीठ में भी थे, जिसने 1967 के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के फैसले को खारिज कर दिया था। इससे AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का रास्ता खुल गया था। वह उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने कुछ लोगों की निगरानी के लिए इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के कथित उपयोग की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की एक समिति गठित की थी।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1010K

Threads

0

Posts

3210K

Credits

administrator

Credits
325442

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.