Aaj ka Panchang 3 October 2025: आज किया जा रहा है पापांकुशा एकादशी व्रत, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त

LHC0088 2025-10-3 13:36:18 views 1056
  Aaj ka Panchang 3 October 2025 पढ़ें आज का पंचांग।





आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2025) हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है। इसे विष्णु भगवान की विशेष उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की भक्ति करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। ऐसे में चलिए एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक से जानते हैं कि आज के दिन कौन-से शुभ-अशुभ योग बन रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


आज का  पंचांग (Panchang 3 October 2025)

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त - शाम 6 बजकर 32 मिनट तक

धृति योग - रात 9 बजकर 46 मिनट तक
करण -

वणिज - सुबह 6 बजकर 57 मिनट तक

विष्टि - शाम 6 बजकर 32 मिनट तक

वार - शुक्रवार


सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 6 बजकर 15 मिनट से

सूर्यास्त - शाम 6 बजकर 5 मिनट पर

चंद्रोदय - दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर

चंद्रास्त - देर रात 2 बजकर 59 मिनट पर (4 अक्टूबर)

सूर्य राशि - कन्या

चंद्र राशि - मकर



  
आज के शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक

अमृत काल - रात 10 बजकर 56 मिनट से रात 12 बजकर 30 मिनट तक
आज का अशुभ समय

राहुकाल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक



गुलिक काल - सुबह 7 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक

यमगण्ड - दोपहर 3 बजकर 7 मिनट से दोपहर 4 बजकर 36 मिनट तक
आज का नक्षत्र

आज चंद्रदेव श्रवण नक्षत्र में रहेंगे…

श्रवण नक्षत्र - सुबह 9 बजकर 34 मिनट तक

सामान्य विशेषताएं - सीखने की क्षमता, बुद्धिमान, सहयोगी, ज्ञानार्जन, सुनने में निपुण, आत्मविश्वास की कमी, जिज्ञासु, अत्यधिक सतर्क और जिज्ञासु



नक्षत्र स्वामी: चंद्र देव

राशि स्वामी: शनि देव

देवता: विष्णु (रक्षक)

प्रतीक: कान

आज का व्रत और त्योहार - पापांकुशा एकादशी

  
एकादशी अवधि -

एकादशी तिथि प्रारंभ - 2 अक्टूबर शाम 7 बजकर 10 मिनट पर



एकादशी तिथि समाप्त - 3 अक्टूबर शाम 6 बजकर 32 मिनट पर
पापांकुशा एकादशी व्रत की विधि -

  • साफ और शांत स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • पूजा के लिए दीप, अगरबत्ती, अक्षत, फल, फूल और तुलसी के पत्ते रखें।
  • सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
  • दिन भर एकादशी का उपवास रखें। फल, दूध या फलाहार लिया जा सकता है।
  • भगवान विष्णु का ध्यान करें, ‘श्री विष्णु सहस्त्रनाम’ या भजन पाठ करें।
  • शाम को दीपक जलाकर आरती करें और भगवान को भोग चढ़ाएं।
  • जरूरतमंद को दान दें या किसी की सेवा करें।


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यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है। सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।
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