Bihar Assembly Speaker: दुल्हिनगंज की तंग गली से विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक: प्रेम कुमार का संघर्षमय सफर

cy520520 2025-12-2 13:39:55 views 643
  

प्रेम कुमार का मकान



नीरज कुमार, गयाजी। 71 वर्षीय डॉ. प्रेम कुमार की जीवन कहानी गयाजी शहर के मखलौटगंज स्थित दुल्हिनगंज मोहल्ले की उसी संकीर्ण गली से शुरू होती है, जहां बचपन में वे पैदल या दोपहिया से ही गुजर पाते थे। छोटे से घर में पिता श्याम नारायण राम जो यूनियन बैंक में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी थे और माता लालपरी देवी के संरक्षण में उनका पालन-पोषण काफी साधारण और आर्थिक रूप से कठिन परिस्थितियों में हुआ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मां गृहणी थीं और 2010 में उनका निधन हो गया। पिछड़े माने जाने वाले इस इलाके में पले-बढ़े प्रेम कुमार के भीतर राष्ट्रीयता का बीज आरएसएस की शाखाओं ने बचपन में ही बो दिया था।

महावीर उच्च विद्यालय में लगने वाली शाखा में वे स्वयंसेवक बने और बाद में आजाद पार्क की शाखा का दायित्व संभाला। युवावस्था में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। छात्र आंदोलन के दिनों को याद करते हुए उनके साथी प्रभात कुमार सिन्हा बताते हैं कि 1974 में जेपी आंदोलन के दौरान प्रेम कुमार इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ संघर्ष में सबसे आगे रहे।

आंदोलन में सक्रियता के चलते उन्हें डीआईआर के तहत गिरफ्तार कर गया केंद्रीय कारा में आठ महीने रखा गया। जेल से रिहा होने के बाद वे भूमिगत रहकर आंदोलन की कमान संभालते रहे और स्थानीय नेतृत्व को मजबूत किया।

इमरजेंसी के बाद 1977 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा। संगठन में उनकी सक्रियता देखते हुए तत्कालीन जिलाध्यक्ष जितेंद्र मोहन सिंह ने उन्हें पार्टी का जिला महामंत्री बनाया। इसके बाद उन्होंने जिले के सभी प्रखंडों में संगठनात्मक ढांचा मजबूत किया। 1990 में भाजपा ने उन्हें गया शहरी सीट से प्रत्याशी बनाया और यहीं से उनकी चुनावी जीत का सिलसिला शुरू हुआ, जो 2025 तक लगातार नौ बार जारी रहा।

प्रेम कुमार ने 1990 में सीपीआई के शकील अहमद खान को हराकर जीत दर्ज की। इसके बाद 1995, 2000 और फरवरी 2005 में उन्होंने मसऊद मंजर को पराजित किया। अक्टूबर 2005 में कांग्रेस के संजय सहाय को, 2010 में सीपीआई के जलालउद्दीन अंसारी को, 2015 में कांग्रेस के प्रियरंजन उर्फ डिंपल को, जबकि 2020 और 2025 में लगातार दो बार कांग्रेस के अखौरी ओंकार नाथ श्रीवास्तव को हराया।

लगातार नौ चुनावी जीत का यह रिकॉर्ड उन्हें बिहार की राजनीति में विशिष्ट पहचान देता है। इसी अनुशासन, संगठनात्मक क्षमता और जनविश्वास का परिणाम है कि 71 वर्ष की आयु में वे बिहार विधानसभा अध्यक्ष बने।

1990 से वे हर चुनाव से पहले स्वराजपुरी रोड स्थित एक मंदिर में पूजा-अर्चना कर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करते हैं। नामांकन से लेकर मतदान तक यह परंपरा आज भी जारी है। दुल्हिनगंज की तंग गलियों में बीता बचपन आज बिहार विधान सभा के सर्वोच्च आसन तक पहुंच चुका है—एक ऐसा सफर जो संघर्ष, संगठन और संकल्प की अदम्य मिसाल है।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
133156

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.