शशि ठाकुर, नई दिल्ली। सड़क पर या भीड़भाड़ से गुजरते लोगों में सुरक्षा एजेंसियों को यह तय करना काफी कठिन होता है कि कौन आतंकी या अपराधी है या देश का आम नागरिक।
उनके इस दुविधा को अब दूर करने AI आधारित ऐसे स्वदेशी CCTV तैयार हुए हैं, जो मनुष्य के हाव- भाव व चेहरों पर शिकन से उस अंतर को पकड़ लेंगे तथा समय रहते सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर देंगे।
भारत मंडपम में लगे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय अग्नि और सुरक्षा प्रदर्शनी सुरक्षा में ऐसे ही आधुनिक तकनीक को प्रदर्शित किया गया है, जो देशवासियों की सुरक्षा व सुविधा को बेहतर करेंगे। यह प्रदर्शनी शनिवार तक चलेगी।
जिसका मुख्य आकर्षण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित अत्याधुनिक सीसीटीवी और उसके साथ मनुष्य के व्यवहार को समझने वाले सर्विलांस सिस्टम हैं। निर्माताओं के अनुसार यह एआइ आधारित कैमरे सिर्फ रिकार्डिंग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनमें घुसपैठ की सटीक पहचान करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत अलर्ट भेजने की क्षमता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उनमें संदिग्ध और सामान्य को अंतर करने की अद्भूत क्षमता है, जो आंतरिक सुरक्षा को और अभेद बनाएगी। एक प्रतिनिधि ने बताया कि ये एआई कैमरे हमें केवल तभी सूचित करेंगे, जब वास्तविक खतरा हो, जिससे हमारी टीम का काम बहुत आसान हो गया है और दक्षता बढ़ेगी।
इसी तरह, मनुष्य के बदले मनोभाव में विवाद की स्थिति को पहचाना, एक जगह अधिक लोगों का जमा होना, देर तक किसी स्थान पर वस्तु का लावारिस पड़े रहने जैसी असामान्य असमान्य घटना पर भी यह सिस्टम तत्काल सुरक्षाकर्मियों को सूचित करता है।
ये कैमरे चेहरा पहचान और वस्तु पहचान जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस हैं। एक तकनीकी विशेषज्ञ ने बताया कि पुराने कैमरों के लिए लगातार निगरानी की जरूरत होती थी, लेकिन ये एआइ कैमरे तभी सचेत करेंगे जब वास्तव में खतरा हो।
प्रदर्शनी में विभिन्न विशेषज्ञों के अनुसार, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के विस्तार और डिजिटलीकरण की बढ़ती गति के कारण अगले पांच वर्षों में भारत में सुरक्षा कैमरों का यह बाजार कई गुना बढ़ने वाला है।
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