राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू। (जागरण)
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। लौहनगरी जमशेदपुर के लिए 29 दिसंबर का दिन बेहद खास होने जा रहा है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस दिन शहर में होंगी और दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी।
उनका यह दौरा सुबह आदिवासी संस्कृति के केंद्र करनडीह से शुरू होगा और दोपहर में तकनीकी संस्थान एनआईटी के दीक्षांत समारोह के साथ संपन्न होगा। राष्ट्रपति भवन ने उनके कार्यक्रम की आधिकारिक पुष्टि कर दी है।
राष्ट्रपति का विमान 29 दिसंबर की सुबह सोनारी हवाई अड्डा पहुंचेगा। तय कार्यक्रम के अनुसार, वे सबसे पहले सुबह 10 बजे करनडीह स्थित दिशोम जाहेर जाएंगी। यहां वे 11 बजे तक रुकेंगी। मौका बेहद खास है, संताली भाषा की लिपि ओल चिकी के 100 साल पूरे हो रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
समापन समारोह में रखेंगी अपने विचार
22 से 29 दिसंबर तक चलने वाले इस ऐतिहासिक सेमिनार के समापन समारोह में राष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार रखेंगी। ओल चिकी लिपि का आविष्कार 1925 में पंडित रघुनाथ मुर्मू ने किया था। यह लिपि आदिवासी अस्मिता और साहित्य का प्रतीक है।
करनडीह के बाद राष्ट्रपति दोपहर में एनआईटी, जमशेदपुर के कैंपस पहुंचेंगी। राष्ट्रपति भवन के पत्र के मुताबिक, वे दोपहर 2:05 बजे दीक्षांत समारोह स्थल पर प्रवेश करेंगी और 3:05 बजे तक वहां रहेंगी।
एनआइटी का यह 15वां दीक्षांत समारोह है। इस एक घंटे के प्रवास के दौरान वे संस्थान के टॉपर छात्रों को गोल्ड मेडल और डिग्रियां प्रदान करेंगी। संस्थान के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधर को कार्यक्रम का विस्तृत ब्यौरा भेजने का निर्देश दिया गया है।
जिस संस्थान में राष्ट्रपति आ रही हैं, उसका इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है।
15 अगस्त 1960 को रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरआईटी) के रूप में स्थापित यह संस्थान 27 दिसंबर 2002 को एनआईटी बना। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त एनआईटी जमशेदपुर ने देश को हजारों इंजीनियर दिए हैं। वर्तमान में यहां 12 अंडर-ग्रेजुएट और 19 पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स संचालित हैं।
एनआईटी जमशेदपुर का प्लेसमेंट रिकॉर्ड बीते कुछ वर्षों में शानदार रहा है, जहां छात्रों को करोड़ों के पैकेज मिले हैं। रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में भी संस्थान ने पेटेंट हासिल कर अपनी धाक जमाई है। 15वें दीक्षा समारोह में महामहिम की उपस्थिति निश्चित रूप से 2025 बैच के पासआउट छात्रों के करियर की सबसे सुनहरी याद बनेगी।
द्रौपदी मुर्मू का जमशेदपुर आना महज एक दौरा नहीं, बल्कि \“घर वापसी\“ जैसा है। राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने झारखंड की राज्यपाल के रूप में 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक ऐतिहासिक कार्यकाल पूरा किया था।
जमशेदपुर से सटे ओडिशा के रायरंगपुर में उनका पैतृक आवास है, इसलिए कोल्हान के लोगों से उनका गहरा जुड़ाव है। जिला प्रशासन ने दोनों कार्यक्रम स्थलों पर सुरक्षा की तैयारियां तेज कर दी हैं। |
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