जागरण संवाददाता, गोंडा। पावर कारपोरेशन ने अब उन गांव (मजरों-नए बसावटों) में बिजली आपूर्ति की तैयारी की है जहां के लोग आज भी वंचित हैं। जिले में विभाग ने ऐसे 573 गांवों को चिह्नित किया है, जिनकी आबादी 50 हजार के आसपास है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एशियाई विकास बैंक से वित्तपोषित परियोजनाओं के माध्यम से गांवों में बिजली या ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को मजबूत और आधुनिक बनाया जाएगा। अभी तक इन गांवों के लोग सोलर लाइट सहित अन्य संसाधनों से अपने घर को रोशन कर रहे हैं।
ऐसे गांव के लोग दूसरे गांव में अपना मोबाइल फोन व अन्य उपकरण चार्ज कर जीवन यापन करने को विवश है। इनके अलावा जर्जर लाइनों को सही करने के साथ ही 14 नए फीडर भी बनाए जाएंगे। इससे गर्मी में उपभोक्ताओं लो-वोल्टेज सहित अन्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कुछ मजरों की समस्या एक नजर में
विकास खंड इटियाथोक व मुजेहना की ग्राम पंचायत पूरे तेंदुआ के तालुकदार पुरवा, गणराही, अमवा, ईदवा तेंदुआ खास, ठोठना के गांवों में लोगों को अभी तक बिजली नसीब नहीं हुई है। यहां के लोग सोलर ऊर्जा से घरों को रोशन करते हैं। जैसराज यादव, जितेंद्र सिंह, पप्पू चौहान व श्याम करन चौहान ने बताया कि उन लोगों के घरों में बिजली नहीं है।
बिजली न मिलने से मोमबत्ती व सोलर ऊर्जा से रोशनी की जाती है। प्रधान आफताब खान ने बताया की बिजली विभाग की ओर से सर्वे किया जा चुका है और लिस्ट में गांव का चयन हो चुका है। ग्राम पंचायत त्रिभुवन नगर ग्रिंट के नसीबजोत में करीब 100 घरों वाले मजरे में भी बिजली नहीं पहुंच सकी है।
इस गांव के राम सुफल मौर्य व मुहम्मद कलीम ने कहा कि मोबाइल की चार्जिंग दूसरे गांव से करना पड़ता है। रात में उजाला करने के लिए कोई मोमबत्ती तो कोई सोलर लाइट जला कर जिंदगी गुजर रहा है।
ग्राम पंचायत पृथ्वीपालगंज ग्रिंट के लक्षाजोत, गुप्तारडीह पप्पू भट्ठा, दीपुवा के गांव में विद्युतीकरण नहीं हुआ है। प्रधान विनोद जायसवाल ने बताया ने बताया कि विद्युतीकरण की सूची में नाम होने के बावजूद भी अभी तक गांव में विद्युतीकरण नहीं हुआ है।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) योजना के माध्यम से जिले चिह्नित 573 मजरों (नए बसावटों) का ऊर्जीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही 14 नए फीडर का निर्माण कर संचालित किया जाएगा इससे ओवरलोड की समस्या भी खत्म होगी।
- यदुनाथ यथार्थ, मुख्य अभियंता बिजली, देवीपाटन मंडल |