तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नेशनल एरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) में रेडियाधर्मी धातुओं की सप्लाई व निवेश का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले जालसाज सुकांता बनर्जी और उसकी पत्नी शालिनी नासकर के विरुद्ध रामगढ़ताल थाने में एक और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। ठगी का शिकार हुए इंदिरा गांधी गर्ल्स डिग्री कॉलेज के प्रबंधक और उनके सहयोगी की शिकायत पर यह कार्रवाई हुुई है। सुकांता बनर्जी पहले से जेल में है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
न्यू कालोनी कजाकपुर में रहने वाले अनिल कुमार राय ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि करीब दो वर्ष पूर्व लखनऊ में उनकी मुलाकात कोलकाता के गोपाल लाल ठाकुर रोड पर स्थित समर्पण अपार्टमेंट में रहने वाले सुकांता बनर्जी से हुई थी। बातचीत के दौरान सुकांता और उसकी पत्नी शालिनी नासकर ने खुद को नासा से संबद्ध एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी से जुड़ा बताया।
उन्होंने दावा किया कि वे स्पेस शटल, न्यूक्लियर एनर्जी में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों और दुर्लभ रेडियोधर्मी धातुओं की सप्लाई और खरीद-फरोख्त का बड़ा कारोबार करते हैं।आरोप है कि जालसाज दंपती ने निवेश के बदले असाधारण लाभ का सपना दिखाया।
अनिल राय के अनुसार, उनसे कहा गया कि इस कथित कारोबार में लगाए गए एक रुपये पर 100 रुपये तक का रिटर्न मिलेगा। शुरुआत में कुछ दस्तावेज और कथित विदेशी कंपनियों से जुड़ा पत्राचार दिखाकर विश्वास दिलाया गया। खुद को नासा से जुड़ी कंपनी का चीफ कोआर्डिनेटर बताने वाला सुकांता बनर्जी प्रभावशाली भाषा और तकनीकी शब्दों के सहारे लोगों को आसानी से भरोसे में ले लेता था।इस झांसे में आकर अनिल राय ने करोड़ों रुपये का निवेश कर दिया।
उनके भरोसे में आने के बाद कालोनी में रहने वाले पदमाकर त्रिपाठी, राकेश और विजय ने भी एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम लगा दी।मुनाफा न मिलने पर जब उन्होंने मूलधन मांगा तो आरोपित टालमटोल करने लगे। रामगढ़ताल पुलिस ने कालेज प्रबंधक की तहरीर पर सुकांता बनर्जी और शालिनी नासकर के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि मामला गंभीर है, निवेश से जुड़े सभी दस्तावेज, लेनदेन और अन्य साक्ष्यों की गहनता से जांच की जा रही है।
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11 नवंबर को पकड़ा गया था सुकांता बनर्जी :
कोलकाता का रहने वाला सुकांता बनर्जी धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में 11 नवंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उसके जेल जाने के बाद लगातार नए-नए पीड़ित सामने आ रहे हैं, जिससे यह साफ होता जा रहा है कि ठगी का यह नेटवर्क काफी बड़ा और सुनियोजित था।लखनऊ में भी आरोपित व उसके सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज है।
ठीकेदार से हुई 80 लाख की ठगी :
रामगढ़ताल क्षेत्र में रहने वाले सिंचाई विभाग के ठेकेदार मदन मोहन शुक्ला से भी 80 लाख रुपये की ठगी की गई थी।ठीकेदार के अनुसार, मार्च 2018 में सुकांता बनर्जी से मुलाकात हुई थी। उस दौरान नासा से जुड़े कारोबार का हवाला देते हुए अधिक लाभ का लालच दिया गया।
भरोसा दिलाने के लिए अमेरिकन कंपनियों, नासा, पीएम कार्यालय, एक्सिस बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक से संबंधित पत्राचार के कथित दस्तावेज भी दिखाए गए। लालच में आकर ठेकेदार ने सुकांता बनर्जी, शालिनी नासकर और एक अन्य सहयोगी को 80 लाख रुपये सौंप दिए, लेकिन आज तक न तो लाभ मिला और न ही रकम वापस हुई। |