एनसीआर में गंभीर श्रेणी में एक्यूआई। फोटो सौजन्य- जागरण ग्राफिक्स
डिजिटल डेस्क, नोएडा। एनसीआर में प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के बीच शनिवार को वायु प्रदूषण का स्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि एक ही दिन में दो बार ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) बदलना पड़ गया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पहले सुबह ग्रेप तीन लगाने का एलान किया, लेकिन शाम तक एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया, जिससे ग्रेप चार लगाना पड़ गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नोएडा पहला और ग्रेटर नोएडा दूसरा सबसे प्रदूषित शहर
नोएडा की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। रविवार को नोएडा के सेक्टर-62 इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 433 दर्ज किया गया, जिसे हवा की गंभीर श्रेणी में रखा गया है। इससे पहले, शनिवार को नोएडा का एक्यूआई 455 और ग्रेटर नोएडा का 422 गंभीर में श्रेणी में दर्ज हुआ। प्रदूषण बढ़ने से लोगों को आंखों में खुजली और नाक में जलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा
नोएडा के सेक्टर-52 के पास छाए स्मॉग के बीच जाते वाहन। फोटो सौजन्य- सौरभ राय
अब हवा की क्वालिटी के मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए एक्यूआई में सुधार लाने के लिए एनसीआर में ग्रेप के चारों चरणों की पाबंदियां लागू हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रहे कमजोर पश्चिमी विक्षोभ को एक्यूआई बिगड़ने की मुख्य वजह बताई है, न कि लोकल प्रदूषण।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, रविवार दोपहर 11 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 458, नोएडा का एक्यूआई 455, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 442, गाजियाबाद का एक्यूआई 430 और गुरुग्राम का एक्यूआई 322 रिकॉर्ड किया गया, जिसे गंभीर श्रेणी में रखा गया है। ग्रेप के तहत, हवा की क्वालिटी को चार स्टेज में बांटा गया है। इसमें खराब (AQI 201-300), बहुत खराब (AQI 301-400), गंभीर (AQI 401-450) और गंभीर प्लस (AQI 450 से ऊपर) माना जाता है।
कब कौन सा ग्रैप लगता है?
एनसीआर में ग्रेप के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए हवा की क्वालिटी को चार स्टेज में बांटा गया है। एक्यूआई जब 201 से 300 के बीच होता है तब पहले चरण के प्रतिबंध लगाए जाते हैं जबकि एक्यूआई के 301 से 400 के बीच रहने पर दूसरे, 401 से 450 के बीच रहने पर तीसरे और एक्यूआई के 450 से ज्यादा पहुंचने पर चौथे चरण के प्रतिबंध लगाए जाते हैं।
GRAP स्टेज-1 (AQI 201-300)
कौन-कौन से कदम उठाए गए?
- इस दौरान पीयूसी (PUC) मानदंडों का सख्ती से पालन
- भोजनालयों में ईंधन के रूप में कोयला और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध
- खुले में जलाना, पटाखों पर बैन
GRAP चरण-2 (AQI 301-400)
- ऑफिस के समय में बदलाव
- एनसीआर से उन अंतर-राज्यीय बसों पर बैन, जो ईवी/सीएनजी/ बीएस-6 डीजल वाली नहीं हैं।
GRAP चरण-3 (AQI 401-450)
- 50 प्रतिशत घर से काम या वर्क फ्रॉम होम (Work from home)
- बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल एलएमवी (हल्के मोटर वाहन) पर पूरी तरह बैन
- गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस (C&D) (Construction & Demolition) गतिविधियों पर प्रतिबंध
GRAP चरण-4 (AQI 450+)
- कक्षा 10-12 को छोड़कर सभी के लिए अनिवार्य हाइब्रिड कक्षाएं
- रोड राशनिंग ऑड-ईवन योजना (लागू नहीं की गई)
- निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध। इसमें सड़क, राजमार्ग, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज और पाइपलाइन जैसी परियोजनाएं शामिल हैं
- ट्रकों के दिल्ली में एंट्री पर पूरी तरह बैन (सीएनजी, बीएस VI, इलेक्ट्रिक और जरूरी वाहनों को परमिशन)
ये भी पढ़ें- GRAP-4 क्या होता है? इस चरण में प्रदूषण रोकने के लिए किन चीजों पर लगाया जाता है प्रतिबंध |