वायु प्रदूषण पर CAQM सख्त, दिल्ली-हरियाणा की खामियों पर जताई नाराजगी; GRAP उपायों की कड़ी समीक्षा

LHC0088 2 hour(s) ago views 419
  

प्रतीकात्मक तस्वीर।



राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग की सेफगार्डिंग एवं एनफोर्समेंट उप समिति की 23वीं बैठक में ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के तहत लागू उपायों की समीक्षा की गई। बैठक में दिल्ली सरकार समेत एनसीआर के राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की ओर से वायु प्रदूषण कम करने के लिए उठाए गए सेक्टर-विशिष्ट प्रवर्तन कदमों की भी गहन समीक्षा की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दिल्ली सरकार को लेकर आयोग की सख्त टिप्पणी

आयोग ने पाया कि दिल्ली में अभी भी ट्रैफिक जाम वाले हाटस्पाट, सड़क की धूल, नगर निगम कचरे का निस्तारण और कचरा जलाने की समस्या को प्रभावी तरीके से नियंत्रित नहीं किया जा सका है।
आयोग की ओर से दिल्ली सरकार को दिए गए निर्देश

  • ट्रैफिक डी-कंजेशन के लिए मासिक फोकस्ड बैठकें आयोजित की जाएं।
  • पीएम 2.5 और पीएम 10 को कम करने के लिए सड़कों की वैक्यूम सफाई बढ़ाई जाए।
  • एमसीडी और एनडीएमसी द्वारा कचरे का सही संग्रह और निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
  • ठोस कचरा और बायोमास जलाने पर रोक के लिए रात में गश्त तेज की जाए।
  • पेट्रोल पंपों पर एनएनपीआर कैमरों के जरिये सख्त निगरानी की जाए।

एनसीआर में आने वाली हरियाणा के जिलों को लेकर नाराजगी

सीएक्यूएम ने पाया कि हरियाणा सरकार ने भी ट्रैफिक जाम, सड़क पर उड़ रही धूल और कचरा प्रबंधन लेकर प्रर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।
हरियाणा सरकार काे मिले निर्देश

  • विभिन्न विभागों और एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
  • औचक और गुप्त निरीक्षण के लिए विशेष टीमें गठित की जाएं।
  • गुरुग्राम में एमसीजी को हाटस्पाट चिह्नित कर ट्रैफिक और वाहन प्रदूषण पर सख्ती करनी होगी।
  • कचरा और बायोमास जलाने पर रोक के लिए रात्री गश्त बढ़ाई जाए।
  • पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं।

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर जिलों पर यह कहा

आयोग ने बताया कि एनसीआर में आने वाले उत्तर प्रदेश के जिलों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से संतोषजनक रहा है, लेकिन वाहन क्षेत्र से जुड़े कदमों में तय समयसीमा का पालन अनिवार्य करना होगा। 31 दिसंबर 2025 तक वाहन एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स और ई-कामर्स कंपनियों के लिए वेब पोर्टल विकसित करना अनिवार्य किया गया है, ये उत्तर प्रदेश के साथ ही राजस्थान को भी करना है। राजस्थान को भी 31 दिसंबर 2025 तक अपनी निगरानी नीति अधिसूचित करनी होगी। लापरवाही की स्थिति में सीएक्यूएम एक्ट की धारा 14 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
एआई और तकनीक के साथ ही सामूहिक प्रयासों पर जोर

आयोग ने सभी एनसीआर राज्यों और दिल्ली सरकार को एआई आधारित और आधुनिक तकनीकी समाधान अपनाने, निगरानी, विश्लेषण और प्रवर्तन को और मजबूत करने की सलाह दी है। बैठक में सभी कार्यान्वयन एजेंसियों ने यह प्रतिबद्धता जताई कि वे वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों की नियमित समीक्षा करेंगी और प्रदूषण फैलाने वाले सभी क्षेत्रों में सख्त कार्रवाई जारी रखेंगी।

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