गो संरक्षण पर सरकार का बड़ा कदम।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निराश्रित गोवंश के खुले में घूमने से हो रही परेशानी से 16 जिलों में लोगों को थोड़ी राहत मिलने जा रही है। इनमें से शाहजहांपुर व हरदोई में पांच-पांच, सीतापुर में चार, बहराइच में तीन, अमेठी, देवरिया, गोरखपुर, रायबरेली, मथुरा व ललितपुर में दो-दो और अयोध्या, बाराबंकी, हापुड़, बुलंदशहर, झांसी व जालौन में एक-एक सहित कुल 35 नये गो संरक्षण केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निर्माण के लिए सरकार ने 56.04 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है। पशुधन विभाग ने जल्द निर्माण शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
योगी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही गो संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है। इसके लिए अब तक 7700 से अधिक गो आश्रय स्थलों की स्थापना की जा चुकी है, जिनमें 12.50 लाख से अधिक निराश्रित गोवंश रखे गए हैं। चालू वित्तीय वर्ष के बजट में सरकार ने निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए दो हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया है।
एक वृहद गो आश्रय केंद्र के निर्माण की लागत को बढ़ाकर 1.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हर निराश्रित गोवंश को आश्रय उपलब्ध कराने की कोशिश के तहत इस साल अब तक 560 वृहद गो संरक्षण केंद्रों की स्वीकृति प्रदान की गई है, इनमें से 403 केंद्रों का निर्माण पूरा हो चुका है और 387 केंद्रों का संचालन भी शुरू हो चुका है।
इन जगहों पर होगा निर्माण
अब शाहजहांपुर के गांव मुड़ीगवां, रावतपरु, खुलौली, धनरी व दसिया, अयोध्या के गांव मऊ, अमेठी के गांव दक्खिनपुर व कठौरा, बाराबंकी के गांव भिटौलीखास, देवरिया के गांव सेमारी व गाजे, गोरखपुर के गांव हरिहरपुर, हापुड़ के गांव शेखपुर, बुलंदशहर के गांव कोंदू, हरदोई के गांव तेंदुआ, भाहपुर, बालामऊ, गुजराई व मदारपुर, रायबरेली के गांव विनायकपुर व बन्नावा, सीतापुर के गांव रायसेनपुर, पारा प्रथम, पारा द्वितीय व पारा-2, मथुरा के गांव बढ़ौता-7 व बढ़ौता-8, बहराइच के गांव झाला तरहर-2, झाला तरहर-3 व सेमरहना-2, झांसी के गांव सुकवा-2, ललितपुर के गांव भौरसिल-2 व पिपरिया और जालौन के गांव न्यामतपुर में गो संरक्षण केंद्रों का निर्माण कराया जाएगा। |