सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। जिले में शस्त्र लाइसेंस बरकरार रखने के लिए धन्नासेठ होने के आधार झूठा निकला। जांच में खुलासा हुआ कि आवेदक कि सालाना आय इतनी नहीं कि उसे जानमाल का खतरा पैदा हो। जिला मजिस्ट्रेट ललित मोहन रयाल ने इस आधार पर हल्द्वानी के आजाद नगर, थाना बनभूलपुरा निवासी नाहिद कुरैशी पुत्र वाजिद कुरैशी का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आयकर रिटर्न से खुला राज
दरअसल नाहिद के विरुद्ध शस्त्र अधिनियम के पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। यह मामला जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट पहुंचा तो पक्षकार नाहिद कुरैशी ने खुद को व्यापारी बताते हुए बताया कि उसे व्यापार के सिलसिले में नकद धनराशि के साथ आवागमन करना पड़ता है, जिसके कारण उसके जान-माल को खतरा बना रहता है, इसलिए शस्त्र लाइसेंस जरूरी है।
मजिस्ट्रेट ने निरस्त किया शस्त्र लाइसेंस
जांच में पता चला कि वाजिद कुरैशी की ओर से विगत वर्ष आयकर रिटर्न में वार्षिक आय 5,78,600 रुपये है और उसने लगभग 13,000 रुपये आयकर अदा किया है। जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने आय विवरण पर विचार करते हुए पाया के कुरैशी की वार्षिक आय इतनी अधिक नहीं है, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि उनके जानमाल को असाधारण या विशिष्ट खतरा उत्पन्न होता हो, जिसके लिए शस्त्र धारण किया जाना अपरिहार्य हो।
इन तथ्यों एवं परिस्थितियों के आधार पर कोर्ट ने इस प्रकरण पर निष्कर्ष करते हुए नाहिद कुरैशी को जारी शस्त्र लाइसेंस को लाइसेंस निरस्त करने का निर्णय सुनाया। इस संबंध में आदेश जारी करते हुए संबंधित व्यक्ति का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। |