बाईपास मार्ग पर अमित ग्राम के समीप वन भूमि के सर्वे के विरोध में सड़क जाम करते स्थानीय लोग। जागरण
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ऋषिकेश वन रेंज के अंतर्गत पट्टे पर दी गई खाली पड़ी वन भूमि का सर्वे करने पहुंची विभागीय टीम को दूसरे दिन भी स्थानीय लोगों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अमित ग्राम में विभागीय कार्रवाई पर भड़के लोगों ने साढ़े चार घंटे सड़क जाम की। अन्य क्षेत्रों में भी विभागीय टीमों को लोगों ने क्षेत्र में घुसने नहीं दिया। वहीं, सड़क जाम के चलते बाईपास व ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर भीषण जाम रहा।
शनिवार को सुबह से ही वन विभाग के अधिकारी प्रशासन व पुलिस कर्मियों के साथ मीरानगर, शिवाजी नगर, बापू ग्राम, मालवीय नगर, अमित ग्राम में खाली पड़ी वन भूमि का सर्वे करने पहुंचे। सुबह से ही मार्गों के प्रवेश स्थान पर सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे रहे। सर्वे टीम के पहुंचने पर लोगों ने विभागीय कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया।
प्रभावित लोगों ने कहा कि ये भूमि उन्होंने मेहनत की कमाई से खरीदी है। वे यहां कई दशकों से रह रहे हैं और शहर के विकास में योगदान दे रहे हैं। उनके क्षेत्र में किसी भी तरह के सर्वे का वे विरोध करेंगे। यह क्षेत्रवासियों के साथ अन्याय जैसा है।
उसके बाद दोपहर करीब 12 बजे अमित ग्राम के समीप बाईपास मार्ग पर लोगों ने सड़क जाम कर दी। 100 से अधिक लोग सड़क पर बैठे रहे। उन्होंने विभागीय सर्वे के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। शाम 4.40 बजे लोग सड़क से उठे, जिसके बाद यातायात सुचारु हो सका।
अन्य क्षेत्रों में भी विभागीय टीमें विरोध कर रहे लोगों को सु्प्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी देते रहे, लेकिन लोग नहीं माने। खाली प्लाट वाले लोग अन्य लोगों के साथ सुबह से शाम तक कार्रवाई के विरोध करते नजर आए।
उपजिलाधिकारी योगेश सिंह मेहरा ने कहा कि दूसरे दिन भी सभी क्षेत्रों में वन विभाग, प्रशासन की टीम ने सर्वे शुरू किया। अमित ग्राम में लोगों ने सड़क जाम की। अन्य क्षेत्रों में भी लोगों ने विभागीय टीम को क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका, जिससे कार्रवाई बाधित हुई। वन विभाग व प्रशासन की टीम प्रभावितों को मनाने व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार विभागीय कार्रवाई पूरी करने का प्रयास कर रही है।
अफवाह में ना आएं लोग
विभागीय अधिकारियों ने कहा कि सर्वे में सिर्फ खाली पड़ी वन भूमि को शामिल किया जाएगा, भवन शामिल नहीं होंगे। इसलिए भवन वाले परिवार चिंता ना करें। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से बड़े प्लाट का सर्वे किया जा रहा है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का अध्ययन करें, जिससे उन्हें भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। कहा कि कई लोग भवन को भी सर्वे में शामिल करने व कई तरह की अफवाह फैला रहे हैं, जो पूरी तरह असत्य है।
कई जनप्रतिनिधि पहुंचे, विरोध भी हुआ
मीरानगर, अमित ग्राम, मालवीय नगर, गीता नगर, शिवाजी नगर के प्रभावित परिवारों के समर्थन में महापौर शंभू पासवान, पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, भाजपा जिला महामंत्री प्रतीक कालिया, पार्षद बीरेंद्र रमोला, सत्या कपरुवाण, राजेश कोठियाल व कई अन्य जनप्रतिनिधि व नेता पहुंचे।
उन्होंने वन विभाग व प्रशासन के अधिकारियों से प्रभावित परिवारों के पक्ष में मजबूत पैरवी की मांग की। अमित ग्राम में महापौर शंभू पासवान को कई लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। उन्होंने महापौर के खिलाफ नारेबाजी भी की।
हालांकि, महापौर ने कहा कि कई लोगों के घरों के आगे कुछ जमीन बागवानी के लिए रखी है। उन्होंने मांग की है कि छोटे प्लाट को सर्वे से बाहर रखा जाए।
यह भी पढ़ें- ऋषिकेश में छात्र संघ अध्यक्ष और पुलिसकर्मियों के बीच कोतवाली में नोकझोंक, कॉन्स्टेबल पर अशोभनीय भाषा के प्रयोग का आरोप, हंगामा
यह भी पढ़ें- गैंगस्टर विनय त्यागी की एम्स ऋषिकेश में उपचार के दौरान हुई मौत, हरिद्वार में बदमाशों ने मारी थी गोली |