मप्र हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने सुधारात्मक न्याय का परिचय देते हुए अपराध की दुनिया में पहला कदम रखने वाले 19 वर्षीय छात्र को राहत दे दी। दरअसल, उसने पैसा कमाने के लालच में यूट्यूब के जरिए ड्रग्स खरीदने और बेचने का तरीका सीखा था। कोर्ट ने भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने की ताकीद के साथ अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह है मामला
भोपाल निवासी छात्र करन की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी दायर की गई थी। उसका पक्ष अधिवक्ता प्रकाश उपाध्याय व अभिषेक द्विवेदी ने रखा। उन्होंने दलील दी कि आवेदक ने यूट्यूब से मिली जानकारी के आधार पर केरल से एलएसडी ड्रग का ऑनलाइन आर्डर दिया था।
हालांकि, पार्सल पहुंचने से पहले ही नारकोटिक्स विभाग को इसकी भनक लग गई। क्राइम ब्रांच भोपाल की मदद से विभाग ने छात्र को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया, जिसमें एक पुलिसकर्मी डाकिया बनकर पार्सल देने पहुंचा। करन के वहां न मिलने पर उसे थाने बुलाया गया, जहां गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए उसने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है।
यह भी पढ़ें- जबलपुर के एकलव्य स्कूल में बवाल, सैकड़ों छात्र-छात्राएं सड़क पर उतरे, महिला प्राचार्य पर लगाए गंभीर आरोप
कोर्ट ने पाया कि यह छात्र का पहला अपराध है। यदि उसे जेल भेजा गया तो उसका भविष्य पूरी तरह बर्बाद हो सकता है। कोर्ट ने छात्र की कम उम्र और भविष्य को ध्यान में रखते हुए, कुछ शर्तों के साथ उसकी अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। |