LHC0088 • 2025-12-30 04:26:58 • views 65
गाजियाबाद शहर का नजारा। फाइल फोटो सौजन्य- जागरण
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वर्तमान में विकास के पथ पर तेजी से दौड़ रहे गाजियाबाद जिले के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के बारे में वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को सही जानकारी मिल सके, इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा शार्ट फिल्म तैयार की गई है। यह फिल्म नए साल में सोशल मीडिया पर रिलीज की जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस फिल्म से जिले की वास्तविक पिक्चर सामने आएगी, इसके साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस फिल्म में जिले के पौराणिक महत्व, ऐतिहासिक घटनाक्रमों के साथ ही विकास गाथा को भी दिखाया जाएगा। इस फिल्म के माध्यम से एक तरफ शहर के इतिहास की जानकारी मिलेगी तो दूसरी तरफ पर्यटन स्थलों के बारे में पता चलेगा।
फिल्म में दिखेगा जिले का रोचक इतिहास
फिल्म को बनाने के लिए इतिहासकारों से लेकर जिले को करीब से जानने वाले जानकारों से भी जानकारी ली गई है। कुछ दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं, जिससे पता चलता है कि जिले का इतिहास रोचक है। यहां पर स्थित प्रसिद्ध दूधेश्वरनाथ मंदिर रामायण काल का है।
उस वक्त का कुआं आज भी यहां पर है। मुगलकाल में गाजीउद्दीन ने चार गेट बनवाए और गेट के अंदर के क्षेत्र को गाजीउद्दीन नगर नाम दे दिया। ब्रिटिश काल में जब जिले में रेलवे स्टेशन बनाया गया तो गाजीउद्दीन नगर नाम बड़़ा होने के कारण इसे छोटा कर गाजियाबाद कर दिया गया।
कब जिला बना गाजियाबाद?
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद यहां पर पंजाब से आए लोगों ने उद्यम स्थापित करने शुरू किए और औद्योगिक नगरी के रूप में जिले को पहचान मिलने लगी। वर्ष 1976 में गाजियाबाद को जिला बनाया गया।
जब यह जिला औद्योगिक नगरी के रूप में पहचान बनाकर आगे बढ़ रहा था तो यहां पर रहने वाले लोगों के बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल और कॉलेज बनवाए गए, देखते ही देखते यहां के इंजीनियरिंग कालेज देश के नामी इंजीनियरिंग कालेज में शामिल हो गए और जिले की पहचान शैक्षिक नगरी के रूप में होने लगी।
गाजियाबाद में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शार्ट फिल्म बनाई जा चुकी है। नए साल में शार्ट फिल्म को रिलीज करने की तैयारी है। -
- अभिनव गोपाल, सीडीओ |
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