search

रोहतासगढ़ रोपवे हादसा में बड़ी कार्रवाई; दो इंजीनियर सस्‍पेंड, मंत्री बोले- ठेकेदार पर भी होगा एक्‍शन

LHC0088 2025-12-30 22:27:50 views 661
  

रोपवे निर्माण स्थल पर जांच करती तकनीकी विशेषज्ञों की टीम। जागरण  



जागरण टीम, सासाराम (रोहतास)। चार दिन पूर्व ट्रायल के दौरान रोहतासगढ़ किला पर निर्माणाधीन रोपवे के ऊपरी टावर के ध्वस्त होनेके मामले में पुल निर्माण निगम के दो इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है।

इस मामले में संबंधित ठेकेदार को काली सूची डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह जानकारी राज्य के पथ निर्माण मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने मंगलवार को दी।

उन्‍होंने कहा कि रोहतासगढ़ रोपवे बिहार सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और रोहतासगढ़ किला तक आने-जाने के लिए सुरक्षित एवं सुगम मार्ग उपलब्ध कराना था।
छह वर्षों में भी पूरा नहीं हुआ प्रोजेक्‍ट

अत्यंत खेदजनक है कि यह परियोजना छह वर्षों में भी पूरी नहीं हो सकी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अधिकारियों की निगरानी और पर्यवेक्षण की कमी के कारण यह हादसा हुआ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

संबंधित परियोजना इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा विभाग ने संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

कहा कि 26 दिसंबर को रोहतास जिले में एक नए बने रोपवे का परीक्षण के दौरान गिरने से बड़ा हादसा टल गया था। पूरे मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई थी। इसके बाद आइआइटी पटना की टीम ने मौके पर पहुंच पूरी घटना की जांच कर वस्तुस्थिति से अवगत हुई।

घटना तब हुई थी जब रोहतास ब्लॉक से रोहतासगढ़ किला और रोहितेश्वर धाम जाने वाला रोपवे और उस पर लगी एक टावर गिर गई। परीक्षण के दौरान इस्तेमाल किए गए चार ट्रॉली क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन साइट पर मौजूद कर्मचारियों ने खुद को सुरक्षित रखा।  
आइआइटी के व‍िशेषज्ञ कर रहे जांच

रोपवे निर्माण में इस्तेमाल सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए पटना आइआइटी के विशेषज्ञ भी जांच कर रहे हैं।  यह रोपवे अगले महीने से शुरू होने वाला था।  

जायसवाल ने कहा कि कार्य की सुधार प्रक्रिया अनुबंध की शर्तों के अनुसार सख्ती से की जा रही है। यह रोपवे परियोजना 31 दिसंबर तक पूरी होने वाली थी।

इस 1,326 मीटर लंबी रोपवे परियोजना की लागत अनुमानित 13 करोड़ रुपये है। इसका शिलान्यास 12 फरवरी 2020 को किया गया था।

राज्य सरकार ने यह परियोजना पर्यटकों और भक्तों के लिए रोहतासगढ़ किला और कैमूर पहाड़ियों में स्थित मंदिरों तक आसान पहुंच उपलब्ध कराने के लिए स्वीकृत की थी।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
142387

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com