कराईकुडी में 100 साल पुराने पैतृक घर की शताब्दी (फोटो- सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के कराईकुडी में एक एकड़ में फैले 30 कमरों वाले पैतृक घर की सौवीं सालगिरह पर 300 ज्याद परिवार के लोग इकठ्ठा हुए। इस दौरान दुबई, मलेशिया और कनाडा में बसे रिश्तेदार भी शामिल हुए। 1922-1926 में बने इस घर ने पीढ़ियों को जोड़े रखा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रविवार को शिवगंगा जिले के कराईकुडी में अपने 100 साल पुराने घर का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए। लगभग 300 सदस्यों में एक सदस्य थिरुग्नानन ने कहा कि हमने गिनती नहीं की। शायद आप हमारे पैतृक घर के सामने खींची गई तस्वीर से गिनती करने की कोशिश कर सकते हैं।
वेलंगुडी गांव स्थित इस घर में कुल 65 परिवार उपस्थित थे, जिनमें से कुछ दुबई, मलेशिया और कनाडा में रहते हैं। पेरियान्नन अंबालम और उनके छोटे भाई सुब्बैया अंबालम द्वारा 1922 से 1926 के बीच निर्मित यह घर एक एकड़ भूमि पर बना है, जिसमें 30 कमरे और चार रसोईघर हैं।
थिरुग्नानन ने कहा जब हमारे पूर्वजों ने इसे बनाया था, तो वे चाहते थे कि यह 100 साल बाद भी शान से खड़ा रहे और हमारा परिवार यहां एक साथ रहे। हालांकि कई लोग अलग-अलग देशों में रहते हैं, फिर भी हम इस दिन एक साथ आए हैं।
दुबई में रहने वाले पेरियान्नन अंबालम परिवार की चौथी पीढ़ी के सरवनन सोलैमलाई ने कहा कि अगर यह घर न होता, तो हमें संदेह है कि हम सभी 300 लोग एक ही तरह से जुड़े होते। उन्होंने घर के जीर्णोद्धार का काम शुरू करवाया और शताब्दी समारोह का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि 2016 में हममें से कुछ लोग एक कार्यक्रम के लिए इस घर में आए थे। तब हमने तय किया कि 10 साल बाद शताब्दी समारोह को भव्य तरीके से मनाया जाएगा। |
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