जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने वर्ष 2012 में अपनी मां की गोली मारकर हत्या करने के मामले में दोषी करार दिए गए आरोपित रमेश को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले को मानवता और रिश्तों के खिलाफ गंभीर अपराध बताते हुए किसी भी प्रकार की नरमी बरतने से इनकार किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबरू भान ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने ठोस साक्ष्यों के आधार पर साबित कर दिया कि आरोपित ने अपनी मां को गोली मारकर हत्या की और अपराध संदेह से परे सिद्ध हुआ है।
अदालत ने ये भी कहा कि घटना के समय न तो कोई उकसावा था और न ही ऐसी कोई परिस्थिति, जो अपराध को उचित ठहरा सके। अदालत ने रमेश को उम्रकैद के साथ 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
इससे पहले अदालत ने छह दिसंबर को रमेश को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया था। अभियोजन के अनुसार 15 मई 2012 को उत्तरी दिल्ली के विजय कॉलोनी इलाके में संपत्ति विवाद के चलते रमेश ने देशी पिस्तौल से अपनी मां शांति देवी को गोली मार दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक घनश्याम ने दलील दी कि आरोपित ने बेहद क्रूर अपराध किया और निकट संबंध के बावजूद किसी दया का भाव नहीं दिखाया, इसलिए अधिकतम सजा दी जानी चाहिए। |