गोरखपुर एम्स। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स में नई इंस्टीट्यूट बाडी (आइबी) का गठन कर दिया गया है। इस बार उत्तर प्रदेश से किसी भी डाक्टर को आइबी में नहीं शामिल किया गया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की जगह इस बार बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति को सदस्य बनाया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पहले की तरह गोरखपुर सदर के सांसद रविकिशन शुक्ल, सलेमपुर के सांसद रमाशंकर राजभर और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा सदस्य के रूप में आइबी में मौजूद रहेंगे। इन्हीं में से गवर्निंग बाडी का चयन किया जाएगा।
एम्स में पांच वर्ष के लिए आइबी का गठन किया जाता है। एम्स की पूरी व्यवस्था पर यह समिति नजर रखती है। समय-समय पर होने वाली बैठकों में समिति के सामने महत्वपूर्ण निर्णय रखे जाते हैं। अभी एक सीट रिक्त रखी गई है।
शैक्षणिक समिति के अध्यक्ष थे डा. अशोक प्रसाद
देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के प्रपौत्र डा. अशोक जाह्नवी प्रसाद एम्स गोरखपुर में स्थायी शैक्षणिक समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल डा. विपिन पुरी की जगह ली थी। वह वर्ष 2000 से एम्स की आइबी के सदस्य थे। वह गोरखपुर के रहने वाले हैं इसलिए गोरखपुर, पूर्वांचल व बिहार के रोगियों से जुड़ी समस्याओं और उत्कृष्ट उपचार को लेकर हमेशा सक्रिय रहते थे।
इसका लाभ एम्स को मिलता था। उनके साथ जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर की पूर्व प्राचार्य डा. आरती लाल चंदानी और वाराणसी के डा. रामेश्वर चौरसिया भी सदस्य थे। इसके अलावा दिल्ली के डा. विनय तिवारी व राणा अनिल कुमार सिंह भी सदस्य थे।
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इस समिति ने पूर्व कार्यकारी निदेशक डा. सुरेखा किशोर के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति के साथ ही योग्यता न होने के बाद भी प्रोफेसर बने एनाटमी के तत्कालीन विभागाध्यक्ष डा. कुमार सतीश रवि के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की। डा. हरिशंकर जोशी के खिलाफ भी कार्रवाई की।
डा. अशोक प्रसाद ने कहा कि एम्स गोरखपुर को पांच वर्ष में बहुत कुछ देने की कोशिश की। छह सुपरस्पेशियलिटी विभाग शुरू हुए। अभी बहुत काम बाकी है।
आइबी में यह शामिल
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के महानिदेशक चिकित्सा सेवाएं
- एम्स की कार्यकारी निदेशक
- वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव व वित्तीय सलाहकार
- आइआइटी कानपुर के निदेशक
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सचिव
- उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव
- पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर व पूर्व आइएएस डा. मनोहर अगनानी
- एम्स के प्रेसीडेंट पद्मश्री डा. हेमंत कुमार
- डा. वीना कुमारी सिंह, विभागाध्यक्ष बर्न व प्लास्टिक सर्जरी, एम्स पटना
- डा. राकेश कपूर, रेडियोथेरेपी व आंकोलाजी विभाग, पीजीआइएमईआर चंडीगढ़
- डा. नित्या गोगटे, क्लिनिकल फार्माकोलाजी, केईएम, मुंबई
- डा. ललित डार, माइक्रोबायोलाजी, एम्स नई दिल्ली
- रमाशंकर राजभर, सांसद
- रविंद्र शुक्ला उर्फ रविकिशन, सांसद
- डा. दिनेश शर्मा, राज्यसभा सदस्य
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