Pradosh Vrat 2025 Date: कार्तिक माह का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कार्तिक महीने का खास महत्व है। यह महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा से जागृत होते हैं। इस शुभ अवसर पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इसके साथ ही कार्तिक महीने में दीवाली, धनतेरस, छठ पूजा, भाई दूज, गोवर्धन पूजा समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके अलावा, कृष्ण और शुक्ल पक्ष में प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। आइए, कार्तिक माह के पहले प्रदोष की सही तिथि और मुहूर्त जानते हैं-
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए 18 अक्टूबर को कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ योग (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के पहले प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025 Date) पर दुर्लभ ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। ब्रह्म योग का संयोग दिन भर है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सफलता मिलेगी। कार्तिक महीने में गंगा स्नान करने का विधान है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 48 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजे 02 बजकर 46 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 48 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
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