औद्योगिक विकास प्राधिकरण के आधे से अधिक पद खाली
मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) 50 प्रतिशत से अधिक रिक्त पदों के साथ राज्य के औद्योगिक विकास की कसरत कर रहा है। यह आलम तब है जब सरकार का सबसे ज्यादा फोकस राज्य के औद्योगिक विकास पर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके लिए सरकार ने कई नीतियां लागू की हैं। राज्य में वैश्विक स्तर पर निवेश के संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। निवेश के लिए आने वाले प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सबसे जरूरी भूमि की उपलब्धता और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास है। इसकी जिम्मेदारी यूपीसीडा को सौंपी गई है।
राज्य के औद्योगिक विकास के लिए यूपीसीडा का गठन नौ मार्च 1961 को किया गया था। इसके बाद से 42,000 हजार से अधिक भूमि पर यूपीसीडा ने विभिन्न जिलों में 154 से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र, टाउनशिप व औद्योगिक पार्कों को विकसित किया है। इनमें 26,000 से अधिक इकाईयों की स्थापना की जा चुकी है।
यूपीसीडा के गठन के समय 564 पद स्वीकृत किए गए थे। वर्तमान में इनमें 296 पद रिक्त हैं। केवल 268 पदों पर ही अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती है। इनमें अभियंत्रण सेवा में 126 में से 75 पद रिक्त हैं।patna-city--election,Patna City news,Rahul Gandhi Patna visit,Mahagathbandhan seat sharing,Bihar elections 2025,Congress RJD alliance,Opposition unity India,Tejashwi Yadav meeting,Bihar political news,NDA government strategy,Grand Alliance Bihar,Bihar news
इसी प्रकार वास्तुविद व नियोजक के 26 में से 16, प्रशासन के 77 में से 49, वित्त एवं लेखा के 54 में से 33, विधि सेवा के आठ में एक, निजी स्टाफ के 43 में से 29, कंप्यूटर के दो में से एक, मिनिस्ट्रियल काडर के 214 में से 87, तकनीकी स्टाफ के छह में एक व भूलेख सेवा के सात में चार पद रिक्त हैं। इसके चलते दो लाख करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य के सापेक्ष पिछले माह तक केवल 1,22,548 करोड़ रुपये के लक्ष्य की प्राप्ति यूपीसीडा कर पाया है।
स्टाफ कम होने के कारण अधिकारियों व कर्मचारियों पर काम का दबाव भी लगातार बढ़ रहा है। औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी का कहना है कि जल्द ही भर्ती की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। |