बरेली की आठ सीटों पर सपा लड़ सकती है चुनाव, लेकिन नौवीं सीट को लेकर अखिलेश को संशय क्यों?

Chikheang 2025-10-11 07:36:12 views 943
  



पीयूष दुबे, बरेली। लोकसभा चुनाव के परिणामों को मील का पत्थर मानते हुए समाजवादी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव 2027 में सरकार बनाने की उम्मीदों से भरी हुई है। सरकार बनाने के लिए सपा ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर दी, जबकि नौंवी सीट के रूप में शहर से हारने का खतरा भी जता दिया। इससे शहर विधानसभा सीट को गठबंधन के हिस्से में देने की योजना पर भी मंथन कर लिया। शहर के सिविल एयरपोर्ट पर 18 पदाधिकारियों के साथ बातचीत में उन्होंने जिले के सियासी रंग को भी भांप लिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अखिलेश ने लिया जायजा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भले ही आजम खां से मिलने के लिए रामपुर गए हों, लेकिन बरेली में चेंजओवर के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा ले गए। उन्होंने आते ही कहा कि 2027 में सपा की पार्टी की सरकार बनानी है, जिसमें आप लोगों में से कई लोग विधायक भी होंगे। एयरपोर्ट परिसर में मौजूद 18 पदाधिकारियों में टिकट के दावेदारों की बांछे खिल गईं। इसके बाद उन्होंने जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर एक-एक करके जीत-हार का गणित समझा।

सपा के वरिष्ठ नेता ने आठ विधानसभा सीटें जीतने की राह दिखाई और नौवीं शहर सीट अब तक न जीतने की वजह के रूप में गठबंधन के लिए छोड़ने का सुझाव दिया। वर्ष 1993 में हुए चुनाव में जिले सात सीटों पर जीतने की नींव बनाकर आगामी विधानसभा चुनाव 2027 का गणित बताया। साथ ही शहर से सीट पर कांग्रेस के आंकड़े बताकर अब जीतने उम्मीदों पर रंग चढ़ाया।

इस रंग चढ़ाने में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कुछ ऐसा कह दिया कि कैंट से चुनाव लड़ने वाले एक उम्मीदवार के फूलों का रंग ही उड़ गया। इससे कांग्रेस के साथ गठबंधन और सपा के आठ सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीदें और पुख्ता हो गईं।
शहर सीट अब सपा नहीं खोल सकी खाता

बरेली शहर विधानसभा सीट से गोविंद बल्लभ पंत ने वर्ष 1952 में सबसे पहला चुनाव जीता था । इसके बाद 1957, 1962 और 1967 में कांग्रेस से ही जगदीश शरण अग्रवाल ने चुनाव जीता। कांग्रेस का विजयी क्रम तोड़ते हुए भारतीय क्रांति दल से राम सिंह खन्ना ने 1969 में चुनाव जीता। वहीं, 1974 और 1977 में भारतीय जनसंघ और जनता पार्टी से सत्य प्रकाश सिंह ने चुनाव जीता, जबकि कांग्रेस से रामसिंह खन्ना ने 1980 में चुनाव जीतकर कांग्रेस की वापसी की।

इसके बाद से भारतीय जनता पार्टी ही शहर सीट पर चुनाव जीती है। वर्ष 1985, 1989 और 1991 में दिनेश जौहरी, वर्ष 1993, 1996, 2002 और 2007 में राजेश कुमार अग्रवाल और वर्ष 2012, 2017 और 2022 में डा. अरुण कुमार लगातार जीत रहे हैं। बीते 40 वर्षाें में भाजपा ने लगातार 10 बार शहर सीट पर कब्जा किया। इस सीट पर अब तक सपा का खाता नहीं खोला जा सका।


ट्रेन छोड़ो... मेरे साथ चलो


सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जब बरेली में आए तो सुबह आंवला सांसद नीरज मौर्य समेत पांच लोगों को एयरपोर्ट में प्रवेश दिया गया। लखनऊ से बरेली अखिलेश यादव के साथ आए रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को नीरज मौर्य के साथ छोड़ गए। आंवला सांसद ने दोपहर में ट्रेन से लखनऊ जाने की अनुमति ली तो उन्होंने कहा कि ट्रेन छोड़ो... मेरे साथ वायुयान से चलो। यहां से अखिलेश यादव उनको साथ लेकर गए। इसे लेकर भी जिले के नेता अपना गणित लगाते रहे।
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